उधमसिंह नगर: कोतवाली साइबर सेल और एसओजी टीम ने करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस टीम ने अब तक गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि गिरोह के चार अन्य सदस्य अभी भी फरार हैं।
जांच का शुरुआती चरण:
पुलिस के अनुसार, यह मामला 29 मई को रुद्रपुर के एक निवासी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत से शुरू हुआ, जिसमें उसने अपने खाते से लगभग ₹50,000 गायब होने की बात कही थी। पीड़ित द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू की, जिसमें टीम को महत्वपूर्ण सुराग मिले।
पहले दो आरोपियों की गिरफ्तारी:
बीते 30 मई 2025 को पुलिस ने सर्विलांस की मदद से दो आरोपियों – मनोज सैनी और अजय सैनी (दोनों निवासी काशीपुर) को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे लोग ऑनलाइन गेमिंग के जरिए लोगों को लालच देते थे, फिर उनका भरोसा जीतने के बाद उनके खातों से पैसे निकाल लेते थे।
15 राज्यों में फैला था धोखाधड़ी का जाल:
आरोपियों ने बताया कि उनका गिरोह अब तक 15 अलग-अलग राज्यों में लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुका है। आरोपी मनोज सैनी ने खुलासा किया कि उसने अपना बैंक खाता, एटीएम कार्ड, सिम कार्ड और चेक बुक अजय सैनी के जरिए पोरस कुमार (उर्फ पुष्पेन्द्र) और सत्यपाल को दिए थे। इन खातों से ₹3 करोड़ से अधिक का लेनदेन हुआ था। इस कमीशन के रूप में सत्यपाल ने मनोज सैनी को ₹70,000 बैंक खाते में भेजे थे। पुलिस टीम मनोज द्वारा बताए गए आरोपियों (पुष्पेन्द्र और सत्यपाल) की तलाश में दबिश दे रही थीं।
मुरादाबाद से दो और आरोपी गिरफ्तार:
मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने बीते 5 जून 2025 को आरोपी सत्यपाल सिंह और पोरस कुमार उर्फ पुष्पेन्द्र को रामपुर रोड फ्लाईओवर के पास से गिरफ्तार किया। ये दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश राज्य के मुरादाबाद जनपद के निवासी हैं। गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे आगरा निवासी बसंत और ग्वालियर निवासी रोहित सोनी और शेरु चौहान के साथ मिलकर ठगी करते थे। उन्होंने आगे बताया कि मनोज सैनी के खाते और संबंधित दस्तावेज उन्होंने बसंत, रोहित सोनी और शेरु चौहान को दिए थे। प्रत्येक खाते के लिए खाताधारकों का कमीशन देकर उन्हें लगभग ₹80,000 मिलते थे।
दो और गिरफ्तारियाँ और फरार सदस्य:
पुलिस टीम फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई राज्यों में दबिश दे रही थी। इस दौरान पुलिस टीम ने रितिक (निवासी जिला आगरा) और विशुराज मोर्या उर्फ व्योम मोर्या (निवासी बिजनौर) को भी गिरफ्तार किया। हालांकि, गिरोह के अन्य चार सदस्य – रोहित कुमार, बसंत, रोहित सोनी और शेरु चौहान – अब भी फरार हैं।
बरामद सामान:
टीम ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से निम्नलिखित सामान बरामद किया है:
- 9 मोबाइल फोन
- 15 सिम कार्ड
- 1 डोंगल
- 4 पासबुक
- 13 चेक बुक
- 21 भरे हुए चेक
- 2 बैंक जमा पर्ची
- 12 ATM कार्ड
- 1 डायरी
- 2 किट (चेक बुक, ATM कार्ड, खाते का सिम)
- 2 QR स्कैनर
- 1 मोटरसाइकिल
- 1 कार (स्विफ्ट)
पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में लगातार दबिश दे रही है और इस बड़े धोखाधड़ी नेटवर्क की गहराई तक जाने का प्रयास कर रही है।












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