देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने हड़ताल पर गए उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम) कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने पूर्व में हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ लिए गए ‘नो वर्क नो पे’ के आदेश को वापस ले लिया है। अब 10 नवंबर 2025 से 25 नवंबर 2025 तक हड़ताल के दौरान 16 दिनों की अनुपस्थिति को ‘अर्जित अवकाश’ (Earned Leave) में समायोजित किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
📝 सरकार का फैसला और आदेश
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अवधि का समायोजन: 10 नवंबर 2025 से 25 नवंबर 2025 तक हड़ताल के दौरान हुई अनुपस्थिति को अर्जित अवकाश में समायोजित किया जाएगा।
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वेतन भुगतान: समायोजन के बाद कर्मचारियों को इन दिनों का वेतन भुगतान करने का आदेश जारी हुआ है।
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पत्र जारी: अपर सचिव श्याम सिंह द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि उपनल कर्मियों की नियमितीकरण और सेवा शर्तों से संबंधित मांगों की समुचित समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है।
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उद्देश्य: यह राहत कर्मचारियों की संवेदनशील मांगों और सार्वजनिक सेवाओं में हुए व्यवधान दोनों पहलुओं को ध्यान में रखकर दी जा रही है, ताकि प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से चल सके।
🏛️ निर्देश और आगामी कदम
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पारदर्शी प्रक्रिया: पत्र में संबंधित विभाग, निगम व संस्थाओं को निर्देश दिया गया है कि वे हड़ताल की अवधि में अनुपस्थित रहे कर्मियों के दिवसों को समायोज्य अवकाश में परिवर्तित कर उनके मानदेय का भुगतान सुनिश्चित करें।
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मापदंडों का पालन: आदेश स्पष्ट करता है कि समायोजन लागू नियमों व मानदंडों के भीतर ही किया जाए तथा किसी भी प्रकार का अनुचित लाभ न दिया जाए।
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सीएम का रुख: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उपनल कर्मचारियों को समान काम के बदले समान वेतन की व्यवस्था पर सरकार चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगी।
इस फैसले से उपनल कर्मचारियों के लंबे समय से चल रहे आंदोलन के बाद सरकार के साथ बातचीत के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
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