पूरे उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों में बारिश से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में नौ लोगों की मौत हो गई है, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को स्थिति का जायजा लिया और सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया।
हल्द्वानी में रकसिया नाले के उफान पर आने से कई घरों में घुसा मलबाः हल्द्वानी में बारिश ने तबाही मचाई है. रकसिया नाले के उफान पर आने से कई घरों में मलबा घुस गया है. जेसीबी मशीनों के जरिए मलबा और पेड़ों को हटाने का काम किया जा रहा है. नालों के किनारे लगातार भू कटाव हो रहा है, जिसे देखते हुए लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है. कलसिया और रकसिया नाले के किनारों से कई प्रभावित परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है. पानी की निकासी के लिए जगह बनाई जा रही है.
काठगोदाम में सबसे ज्यादा नई बस्ती, बद्रीपुरा समेत गौला बैराज के आस पास नुकसान हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि आज तक उन्होंने कलसिया नाले का इतना बड़ा रौद्र रूप नहीं देखा था. उन्होंने आपबीती बताते हुए कहा कि कलसिया नाले के उफान पर आते ही चीख पुकार मच गई. डर के माहौल के बीच सिर्फ भागो भागो की आवाज ही सुनाई दे रही थी.
प्रशासन और पुलिस के जवानों ने लोगों को घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया. हल्द्वानी के काठगोदाम इलाके में 312 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है. जबकि, नैनीताल स्नो व्यू इलाके में 100 मिली मीटर और कालाढूंगी क्षेत्र में 197 मिली मीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है. प्रशासन की टीम अभी भी मौके पर नजर जमाए हुई हैं. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बने रहने की अपील की जा रही है.
गदरपुर में पेड़ गिरने से युवक की मौत, सितारगंज में 120 लोगों का रेस्क्यूः उधम सिंह नगर जिले के कई शहरों में जल भराव देखने को मिल रहा है. सितारगंज में प्रशासन की टीम ने 120 लोगों का रेस्क्यू किया है. जबकि, काशीपुर में ओवरब्रिज के पास धंसाव हुआ है. उधर, गदरपुर में बाइक सवार एक युवक पर पेड़ गिरने से मौत हो गई. मृतक की पहचान अक्षय नेगी निवासी बंगाली मोड दिनेशपुर के रूप में हुई है. वहीं, जिले की तमाम नदियां उफान में बह रही हैं.
प्रदेश में निरंतर हो रही भारी वर्षा के कारण उत्पन्न आपदा की स्थिति पर सरकार नजर रखे हुए है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा के दृष्टिगत जिला प्रशासन को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखा जाए। साथ ही सहयोगी संस्थाओं से समन्वय बनाए रखने को कहा, ताकि किसी भी आपात स्थिति में बचाव एवं राहत कार्य तेजी से हो सकें।












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