देहरादून: उत्तराखंड में हाल ही में संपन्न हुए छात्रसंघ चुनाव 2025 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। एबीवीपी ने प्रदेशभर में कुल 332 पदों पर जीत का परचम लहराया है, जो संगठन के घोषित प्रत्याशियों में 75% से भी ऊपर का आंकड़ा है।
एबीवीपी की जीत का ब्यौरा
एबीवीपी ने प्रदेश के प्रमुख छात्रसंघों में निम्नलिखित पदों पर विजय हासिल की:
पद | जीती गई संख्या |
अध्यक्ष | 58 |
उपाध्यक्ष | 52 |
महासचिव | 43 |
कोषाध्यक्ष | 51 |
सचिव | 50 |
विश्वविद्यालय प्रतिनिधि | 62 |
सांस्कृतिक सचिव | 6 |
छात्र उपाध्यक्ष | 6 |
कुल जीत | 332 |
एबीवीपी ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश, डॉ. पितांबर दत्त बड़थ्वाल महाविद्यालय कोटद्वार, एलसीएम पिथौरागढ़, एमबीपीजी हल्द्वानी और राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय समेत प्रदेशभर के प्रमुख परिसरों में विजय हासिल की है।
‘राष्ट्रवादी विचारधारा’ की जीत: एबीवीपी नेतृत्व
एबीवीपी के प्रदेश मंत्री ऋषभ रावत ने इस ऐतिहासिक जीत को राष्ट्रहित और संगठन में निष्ठा रखने वाले हर विद्यार्थी की जीत बताया।
- शहीद भगत सिंह की जयंती: रावत ने कहा कि सैन्य भूमि उत्तराखंड में शहीद भगत सिंह की जयंती के दिन मिली यह विजय वीर शहीदों का आशीर्वाद है।
- युवा शक्ति का विश्वास: उन्होंने कहा कि छात्र शक्ति ने प्रमाणित कर दिया है कि उनका विश्वास सदैव उसी संगठन के साथ है, जो निष्ठापूर्वक छात्र हितों की रक्षा और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प रखता है।
डीएवी कॉलेज, देहरादून के अध्यक्ष ऋषभ मल्होत्रा ने अपनी जीत पर कहा कि यह प्रमाण है कि छात्र शक्ति का अटूट विश्वास केवल और केवल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ है। उन्होंने कहा कि
- आज का विद्यार्थी न तो भ्रष्टाचार चाहता है और न ही अवसरवादी राजनीति का शिकार होना चाहता है।
- यह जीत इस बात का स्पष्ट संदेश है कि भारत और उत्तराखंड का Gen Z राष्ट्रवादी विचारधारा और पूर्ण रूप से एबीवीपी की विचारधारा के साथ है।
- उनकी प्राथमिकताओं में शोध की सीटें बढ़ाना, महाविद्यालय में रिक्त पदों को भरवाना और बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाना शामिल है।



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