जहाँ श्रद्धा के 35 टुकड़े किए वहीं चैन से सोता था वहशी आफताब, फ्रिज खोल देखता था चेहरा

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श्रद्धा विकास वॉकर मर्डर केस में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, दरअसल छह महीने पहले आरोपी आफताब ने अपनी गर्लफ्रेंड की बेरहमी से हत्या कर दी थी और उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए थे. वो उन टुकड़ों को फ्रिज में रखता था और रोज़ जंगल में तीन-चार टुकड़े फेंकने के लिए जाता था. अब जाकर इस केस का खुलासा हुआ है. पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला शव के टुकड़ों को रखने के लिए लोकल मार्केट के तिलक इलेक्ट्रॉनिक से 300 लीटर का फ्रिज खरीद कर लाया था और उसी में वो उसकी बॉडी रखता था.

आरोपी आफताब रोज रात 2 बजे फ्लैट से निकलता था और एक बॉडी का टुकड़ा जंगल में फेंककर वापस आ जाता था, लगभग 16 दिन तक उसने टुकड़े फेंके थे. आरोपी ने शेफ की ट्रेनिंग ली है इसलिए उसे इस बात की पूरी जानकारी थी कि किसी चीज के टुकड़े कैसे किए जाते हैं. श्रद्धा के शव के टुकड़ों को फेकने के बाद आफताब सामान्य तरीके से जीवन जी रहा था ताकि किसी को उसपर शक न हो और ऐसा हुआ भी किसी को भी आफ़ताब पर शक नहीं हुआ. आफताब रोजाना उसी कमरे में सोता था, जिस कमरे में उसने श्रद्धा की हत्या की थी, हत्याकांड के बाद वह जोमैटो से खाना मंगवाता था और आराम से खा पीकर सो जाता था. आस-पड़ोस के लोगों से ज्यादा नहीं मिलता था, आरोपी आफ़ताब को श्रद्धा की मौत का कोई अफ़सोस नहीं है.

बॉडी की दुर्गंध न आए इसलिए जलाता था अगरबत्ती

पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी आफताब घर में अगरबत्ती जलाता था जिससे किसी को भी शव की दुर्गंध न आए. वहीं, पुलिस ने अब श्रद्धा मर्डर केस में डिजिटल रिकॉर्ड और इलेक्ट्रॉनिक फुट प्रिंट की जांच करनी शुरू कर दी है जिससे आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हो और वो बच न पाए, इसके साथ ये भी बताया जा रहा है कि दोनों 8 मई को दिल्ली आए थे. उसके बाद एक रात पहाड़गंज होटल में रुके थे, उसके बाद सैजदुल्लाजाब में होस्टल में रुके, पुलिस को गूगल के जरिए ये सारी जानकारी मिली है.

इस टीवी शो से प्रेरणा लेकर किया कत्ल

लिव इन पार्टनर श्रद्धा का कत्ल कर 35 टुकड़े करने वाले आरोपी आफताब आमीन पूनावाला ने इस कांड के लिए पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी थी. वह जिस श्रद्धा से प्यार का नाटक करता था उसीका उसने ऐसा खौफनाक कत्ल किया कि कोई भी पूरी कहानी सुन दहल जाएगा. मुंबई से छतरपुर आकर रह रहे आफताब ने लिव इन पार्टनर श्रद्धा के शादी करने की मांग पर ये पूरी साज़िश रची, उसने श्रद्धा को इतनी बेरहमी से मारा जैसा कोई सोच भी नहीं सकता था. यही नहीं श्रद्धा के शव को मार कर छिपाने के लिए दरिंदा आफताब बाकायदा एक 300 लीटर की क्षमता वाला फ्रिज खरीद लाया था, शव के टुकड़े करने से होने वाली सड़न से बदबू न फैले इसके लिए वो रोज़ाना अगरबत्ती जलाता था, यही नहीं उसने इस जघन्य कांड की सीख अमेरिकी क्राइम शो ‘Dexter’ से ली थी, इस शो को देखकर ही उसने पूरी प्लानिंग बनाई थी.

ऐसे हुई थी मुकालात

श्रद्धा और आफताब की मुलाकात मुंबई में हुई थी, श्रद्धा एक कॉल सेंटर में नौकरी करती थी, धीरे-धीरे दोनों की नज़दीकिया बढ़ी तो आपसी सहमति के बाद दोनों रिलेशनशिप में आ गए. परिजनों ने उनके रिश्ते का विरोध किया तो दोनों दिल्ली के महरौली में चले गए, लेकिन यहां आने के बाद आफताब ने ना सिर्फ श्रद्धा से शादी करने से मना कर दिया बल्कि उसकी हत्या की प्लानिंग भी की. 18 मई को आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी थी, उसने श्रद्धा की लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसके 35 टुकड़े किए और फ्रिज में रख दिया. इतना ही नहीं हत्या के बाद उनसे फूड डिलिवरी ऐप जोमैटो से अपने लिए खाना भी ऑर्डर किया और आराम से उसे खाया.

क्या बोले श्रद्धा के पिता

श्रद्धा के पिता विकास मदान वॉकर इस बारे में बताते हैं, “बेटी और आफताब अमीन पूनावाला के अफेयर के करीब 18 महीने बाद हमें दोनों के रिलेशनशिप का पता चला, तब श्रद्धा ने अपनी मां से साल 2019 में कहा था कि वो आफताब के साथ लिव-इन रिलेशनशिप मे है इसपर मैंने और श्रद्धा की माँ ने विरोध किया. हमारे मना करने पर श्रद्धा ने कहा कि मैं अब 25 साल की हो गई हूं और मुझे अपने फैसले लेने का पूरा हक है. मुझे आफताब के साथ लिव इन में रहना है अगर आप लोगों को मेरा फैसला मंजूर नहीं है तो मैं आज से आपकी बेटी नहीं. यह कहकर श्रद्धा घर से जाने लगी, तो मेरी पत्नी ने उससे रुकने के लिए काफी मिन्नतें की. लेकिन, वो नहीं मानी और आफताब के साथ चली गई”.

श्रद्धा के पिता ने आगे बताया, श्रद्धा के जाने के बाद उन्हेंउसके दोस्तों से पता चला कि दोनों नया गांव और फिर महाराष्ट्र में जाकर रहने लगे हैं, कभी-कभी श्रद्धा अपनी मां को फोन करके बताती थी कि आफताब उसके साथ मारपीट करता है इन्हीं सब के बीच श्रद्धा की माँ की मौत हो गई. माँ की मौत के बाद श्रद्धा ने एक-दो बार पिता को फोन किया, तब भी उसने आफताब की हरकतों के बारे में बताया था. यही बात उसने घर आकर भी बताई थी, इसपर पिता ने श्रद्धा को आफताब को छोड़कर वापस घर लौट आने के लिए कहा था. लेकिन, आफताब के मनाने पर वह उसके साथ चली गई थी. उसे नहीं पता था कि उसका ये फैसला उसपर कितना भारी पड़ने वाला है. अगर उस दिन श्रद्धा ने पिता की बात मान ली होती तो आज कहानी कुछ और ही होती.