“जूता मारके निकाल दो…”, अग्निवीरों को लेकर राहुल गांधी के बयान पर बवाल, सेना के अपमान का लगा आरोप

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उत्तर प्रदेश के बागपत में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सेना में अग्निवीर भर्ती को लेकर दिए बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. बागपत में राहुल गांधी ने विवादित बयान देते हुए कहा, सरकारल 4 साल जवानों के हाथों में हथियार देगी और फिर 4 साल बाद जवान को जूता लगेगा और बाहर निकाल दिया जाएगा. बागपत के बड़ौत में नुक्कड़ सभा में सेना में भर्ती की अग्निपथ स्कीम पर बोलते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ये बयान दिया।

राहुल गांधी ने वीडियो में कहा, युवाओं के लिए एक सेना में जाने का एक रास्ता था, लेकिन फिर अग्निवीर आया. युवा सुबह 4 बजे उठते थे, सड़क पर दौड़ लगाते थे. यूपी में हर सड़क पर आपको युवा दौड़ते दिखते हैं. उनके मन में देश की सेवा करने का सपना था. युवा 15 साल सेना में नौकरी कर देश की सेवा करता था. उसे पेंशन मिलती थी. नरेंद्र मोदी ने कहा, नहीं भाई, 15 साल की बात छोड़ो, पेंशन छोड़ो. ऐसा करते हैं कि छह माह ट्रेनिंग देते हैं. बंदूक पकड़ो, चार साल के लिए रहो. फिर जूता मारकर निकाल देंगे औऱ उसके बाद बेरोजगार हो जाओ. जब युवाओं ने कहा, उन्हें यह अच्छा नहीं लगा. युवाओं ने सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया तो नरेंद्र मोदी की सरकार ने कहा, अगर प्रदर्शन के दौरान तुम्हारी फोटो ले ली गई तो तुम्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी.

राहुल गांधी सेना को लेकर अपने बयानों से पहले भी विवाद खड़ा कर चुके हैं. चीनी सैनिकों की हाल में ही अरुणाचल प्रदेश के तवांग में घुसपैठ की घटना को लेकर उनका बयान विवादों में घिर गया था. उन्होंने भारतीय जवानों की डंडों से पिटाई की बात कही थी और मोदी सरकार पर चीनी घुसपैठ पर कुछ न करने का आरोप लगाया था. हालांकि इस बयान को लेकर वो घिरते नजर आए. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी संसद में कहा था कि कांग्रेस नेता को ऐसे शब्दों के इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए था. बीजेपी नेताओं का कहना था कि राहुल गांधी ने सेना के शौर्य औऱ पराक्रम पर सवाल उठाया है.