मां रोज कहती- भाई की मौत का बदला नहीं लोगे… तो मार डाला, हत्या के बाद मिली शाबाशी; सच्चाई जान पुलिस के भी उड़े होश

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मुरादाबाद। मां हर रोज कहती, भाई की मौत का बदला नहीं लोगाे। कैसे भाई हो, तुम लोगाें का खून क्यों नहीं खौलता। आखिर कैसे चैन से सो जाते हैं। धिक्कार है तुम सब पर। बेटे की मौत से बौखालाई मां हर रोज बेटों को यह ताना देती।

रोज-रोज इन तानों ने आग में घी का काम किया। फिर क्या था, वही हुआ जिसका आरोपितों की मां को बेसब्री से इंतजार था।

दशहरे की रात हत्याकांड की पटकथा लिखी गई। फिर दीवाली की रात पटाखों के शोर के बीच गोली मारने का अभ्यास किया गया। तय योजना हत्याकांड को अंजाम दे दिया गया। जी हां, सहायक प्रधानाचार्य शबाबुल हत्याकांड का यह चौकाने वाला राजफाश हुआ तो पुलिस भी दंग रह गई।

हत्याकांड में पुलिस ने षडयंत्र रचने वाली कविता राघव, बेटे शिवम राघव, घटना में शामिल दूसरे नाबालिग बेटे व बेटे के दोस्त हर्ष चौधरी समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। हैरानी यह कि शबाबुल को गोली मारने वाला नाबालिग दसवीं का छात्र निकला। हत्याकांड का किसी को कोई मलाल ना था। कविता का पति रिंटू राघव पिछले तीन साल से एनडीपीएस एक्ट में जेल में बंद हैं।

सहायक प्रधानाचार्य शबाबुल की लाकड़ी फाजलपुर में मंगलवार की सुबह आठ बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटनाक्रम का सीसीटीवी फुटेज इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ जिसमें बाइक सवार वारदात को अंजाम देते कैद दिखे। फुटेज के आधार पर जांच शुरू हुई तो कुछ ही घंटों में तस्वीर साफ हो गई। मृतक के भाई रियाजुद्दीन ने प्राथमिकी दर्ज कराई।

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पुलिस के अनुसार, गांगन स्थित आफत नगरी निवासी कविता राघव का पति रिंटू राघव एनडीपीएस एक्ट में जेल में बंद है। उसका बड़ा बेटा शिवम राघव पेंट का काम करता है। छोटा बेटा नाबालिग है और कक्षा 10 में पढ़ाई करता है। एक बेटे प्रिंस द्वारा आत्महत्या के बाद से कार्रवाई नहीं हुई थी। परिवार बेटे की मौत का जिम्मेदार सहायक प्रधानाचार्य शबाबुल को मानता था।

इससे रंजिश बढ़ती गई। अपने दोनों बेटों को छोटे बेटे की मौत का बदला लेने के लिए कविता लगातार ताने मारती थी। कहती कि बेटे को मौत की नींद सुलाने वाला आजादी से घूम रहा है। जिस तरह मेरा बेटा मरा है। यह भी मरेगा। इसके बाद दशहरे पर शबाबुल की हत्या की योजना बनी। शिवम राघव ने पूरी जानकारी जुटाई। कहां से कहां तक जाना है। स्कूल से कितनी दूरी पर जाकर गोली मारनी है।

उसने अपने दोस्त हर्ष को इसके लिए तैयार किया। दीपावली पर 315 बोर का तमंचा खरीदा, अभ्यास शुरू किया जिससे निशाना चूक ना जाए। फिर हर्ष की बाइक मंगवाकर उसकी नंबर प्लेट उतारी गई। जिससे बाइक की पहचान ना हो सके। तय योजना अनुसार, मंगलवार की सुबह सात बजे से पहले ही हर्ष बाइक पर अपने साथ नाबालिग दोस्त को बैठाकर लाया।

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घटनास्थल से 100 मीटर पहले ही खड़े होकर इंतजार करने लगे। जैसे ही शबाबुल आता हुआ दिखाई दिया। वैसे ही पीछे से यह आरोपित आए और नाबालिग ने गोली मार दी। एसपी सिटी रणविजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे घटनाक्रम का राजफाश किया। आरोपितों के पास से घटना में प्रयुक्त तमंचा, बाइक, हेलमेट और पांच मोबाइल बरामद किये। राजफाश में लगी मझोला पुलिस टीम को 25 हजार रुपये देने की घोषणा की।

15 फरवरी को आठवीं के छात्र प्रिंस ने की थी खुदकुशी

हत्यारोपित शिवम राघव ने बताया कि छोटा भाई प्रिंस श्री साई विद्या मंदिर लाकड़ी फाजलपुर में कक्षा आठ में पढ़ता था। उसी स्कूल में मृतक शबाबुल आलम सह प्रधानाचार्य के पद पर तैनात थे। उसके छोटे भाई ने 15 फरवरी को स्कूल से आने के बाद घर में फंदे पर लटककर जान दे दी थी। स्वजन को लगता था कि उसके नाबालिग भाई ने शबाबुल आलम के कारण आत्महत्या की है। इसी बात को लेकर स्कूल में जाकर विरोध प्रदर्शन भी किया गया। न्यायालय के आदेश से मृतक शबाबुल आलम के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया। इसको लेकर मन में विरोध व रंजिश की भावना थी। इसके बाद से ही बदला लेन की बात ठान ली गई थी।

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हत्या के बाद मां ने दी शाबाशी, एक बार में दुश्मन खत्म कर दिया

कविता प्रिंस की मौत को भुला नहीं पा रही थी। हर दिन उसे अपने मरे बेटे की याद सताती थी। वह पिछले दो माह से शिवम राघव और नाबालिग को ताना देती थी कि तुम्हारे छोटे भाई की मौत का कारण बनने वाला बाहर घूम रहा है। तुमसे कुछ भी नहीं हो रहा है। हत्या के बाद जब दोनों भाई मां के पास पहुंचे तो उसने शाबाशी दी कि एक ही वार में दुश्मन खत्म हो गया है। अब मन को संतुष्टि मिली है। इसके बाद शिवम, नाबालिग और उसका दोस्त हर्ष मां को मोबाइल देकर वहां से फरार हो गए थे।