7 फरवरी रविवार को है षटतिला एकादशी, जानिए इस दिन तिल खाने और तिल दान का क्यों है विशेष महत्‍व

खबर शेयर करें -

Image result for षटतिला एकादशी

भगवान विष्‍णु को बेहद प्रिय है एकादशी का व्रत और इस दिन उन्हीं की पूजा होती है और व्रत भी रखा जाता है। वहीं माघ मास के कृष्णपक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है। षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है साथ ही व्रत रखकर उन्हें तिल (Til) का प्रसाद भी चढ़ाया जाता है। षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है

षटतिला एकादशी के दिन तिल के प्रयोग का खास महत्व होता है। षटतिला एकादशी पर भगवान विष्‍णु की पूजा की जाती है। इस दिन तिल खाने और तिल दान का विशेष महत्‍व है। इस साल षटतिला एकादशी व्रत 7 फरवरी 2021 रविवार को रखा जाएगा।

ये है षटतिला एकादशी का महत्व 

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में आज फिर बदल सकता हे मौसम का मिजाज, कई जिलों में बारिश होने की संभावना

सबसे पहले तो ये जान लें कि षटतिला एकादशी के दिन काले तिल के दान का बड़ा महत्त्व है। इस दिन खास तौर पर भगवान विष्‍णु को पंचामृत में तिल मिलाकर स्‍नान कराया जाता है। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से आरोग्य की प्राप्ति होती है। अन्न, तिल आदि दान करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है।

षटतिला एकादशी पर यूं किया जाता है तिल का प्रयोग 

षटतिला एकादशी पर तिल का प्रयोग बेहद महत्‍वपूर्ण है इसीलिए इस दिन तिल स्नान, तिल की उबटन, तिलोदक, तिल का हवन, तिल का भोजन, तिल का दान करने की पंरपरा सदियों से चली आ रही है।
– इस दिन सुबह-सवेरे तिल का उबटन लगाएं।
– इसके बाद स्‍नान में तिल का प्रयोग करें। स्‍नान के पानी में तिल मिलाएं।
– इसके लिए आप पूर्व दिशा की ओर बैठकर पांच मुट्ठी तिल लें। फिर 108 बार ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें।
– इसके बाद दक्षिण दिशा की ओर खड़े होकर पितरों को तिल का तर्पण दें।
– फिर अपने भोजन में तिल को शामिल करें।
– द्वादशी को ब्राह्मणों को तिल युक्‍त फलाहारी भोजन कराएं या तिल का दान करें।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में आज फिर बदल सकता हे मौसम का मिजाज, कई जिलों में बारिश होने की संभावना

षटतिला एकादशी पर करें काले तिल का दान 

षटतिला एकादशी पर तिल दान का काफी महत्‍व है और कहा जाता है कि जो जैसा दान करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है इसलिए तिल दान जरूर करना चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  सीजफायर के बाद रेलवे ने बदला अपना फैसला,लालकुआं, अमृतसर, जम्मू और काठगोदाम के बीच चलने वाली महत्वपूर्ण ट्रेनों का निरस्तीकरण किया रद्द 

दूसरी ओर पौराणिक मान्यताओं के अनुसार षटतिला एकादशी के दिन जो व्रत रखता है और काले तिलों का दान करता है वह व्यक्ति उतने ही हजार वर्ष तक स्वर्ग में वास करता है। व्रत के प्रभाव से उसके सारे कष्ट मिट जाते हैं, पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad