हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर सट्टा बाजार में दांव लगना शुरू हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सट्टा बाजार के खिलाड़ी भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची में शामिल कैंडिडेट पर ज्यादा भरोसा जता रहे हैं.
इससे पहले सट्टा बाजार ने कांग्रेस की एकतरफा जीत की भविष्यवाणी की थी. लेकिन, आम आदमी पार्टी (AAP) के सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा और बसपा-इनेलो व जेजेपी-एएसपी गठबंधन के बाद सट्टा बाजार का गड़बड़ा गया. सट्टा बाजार को लगता है कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी. अगर कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन होता है तो यह विधानसभा चुनाव इस गठबंधन के पक्ष में जाएगा.
अनुमान लगाया गया है कि 90 विधानसभा सीटों में से 50 से ज्यादा सीटें आप-कांग्रेस गठबंधन के खाते में जा सकती हैं. लेकिन, टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में फूट पड़ सकती है, जिसका सीधा असर चुनाव परिणाम पर पड़ेगा.
अब अगर भाजपा के प्रत्याशियों की पहली सूची की बात करें तो पार्टी ने जहां पिछले चुनाव में हारे नेताओं को टिकट दिया है, वहीं नए चेहरों को भी मैदान में उतारने से पीछे नहीं हटी है. ऐसी 25 सीटें हैं, जिन पर अब तक नए चेहरों को चुनाव लड़ने का मौका दिया जा चुका है. इसके अलावा भाजपा के सर्वे में आगे आए और दूसरी पार्टियां छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं के बच्चों को भी टिकट दिया गया है. इसके साथ ही सर्वे में पिछड़ने वाले नेताओं और विधायकों के टिकट काट दिए गए. इसके चलते कई नाराज नेता पार्टी छोड़कर भी जा चुके हैं. अब इस स्थिति को देखते हुए सट्टा किंग भाजपा पर सबसे अधिक भरोसा जता रहे हैं.
हालांकि दिल्ली सट्टा बाजार (Disawar Satta King), फलौदी सट्टा बाजार और मुंबई सट्टा बाजार (Mumbai Satta Bazar) के खिलाड़ी अपना आखिरी दांव खेलने से पहले भाजपा और कांग्रेस की सभी सूचियों के जारी होने का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद ही जीत या हार का अंदाजा लगाया जा सकेगा.
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