5 साल के बच्चे पर जानलेवा हमला करने वाली महिला गिरफ्तार, बच्चा कोमा में

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देहरादून: राजधानी देहरादून में 5 साल के बच्चे पर जानलेवा हमला करने वाली महिला मीना देवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार, 16 जुलाई को महिला ने बच्चे के सिर पर सिलबट्टे से हमला कर दिया था और उसके बाद से फरार थी। पुलिस ने आज उसे शहर के लक्खीबाग इलाके से गिरफ्तार कर लिया।


 

पुराने विवाद का बदला: 5 साल के गौरव पर जानलेवा हमला

 

यह चौंकाने वाली घटना देहरादून के रीठा मंडी में हुई। पुलिस को मिली शिकायत के अनुसार, जगपाल निवासी पीलीभीत, उत्तर प्रदेश, जो हाल ही में रीठा मंडी, देहरादून में रह रहे हैं, ने बताया कि उनके घर के सामने रहने वाले दानवीर की पत्नी मीना देवी ने उनके 5 साल के बेटे गौरव के सिर पर सिलबट्टे से जानलेवा हमला किया है। गौरव को गंभीर हालत में दून अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ वह फिलहाल वेंटिलेटर पर है।

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जगपाल ने बताया कि उनके और मीना देवी के बीच कोई पुराना विवाद चल रहा था। इसी विवाद के चलते मीना देवी बदला लेने की फिराक में थी। बुधवार को जब उनका बेटा गौरव घर के बाहर खेल रहा था, तभी मीना देवी उसे कमरे में ले गई और अंदर से दरवाजा बंद कर दिया। जगपाल का आरोप है कि बंद कमरे में मीना देवी ने गौरव के सिर पर सिलबट्टे से वार कर दिया।


 

चीख-पुकार सुनकर हुआ खुलासा, बच्चा कोमा में

 

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बच्चे की चीख-पुकार सुनकर परिजनों को घटना का पता चला। वे आनन-फानन में बच्चे को लेकर दून अस्पताल पहुँचे। डॉक्टरों ने बताया कि सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण 5 साल का गौरव कोमा में चला गया है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है।

जगपाल द्वारा दी गई शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी मीना देवी की तलाश शुरू की। घर से फरार हुई मीना देवी को देहरादून पुलिस ने शहर के लक्खीबाग इलाके से गिरफ्तार कर लिया है।

नगर कोतवाली प्रभारी प्रदीप पंत ने बताया कि पुलिस टीम ने प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई करते हुए बच्चे पर जानलेवा हमला करने वाली आरोपी महिला मीना देवी को लक्खीबाग क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है।

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दून अस्पताल के बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर अशोक ने बताया है कि, “बच्चे की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। साथ ही, सिर में गहरा जख्म होने के चलते वह कोमा में चला गया है।”

यह घटना समाज में बढ़ रही हिंसा और बच्चों के खिलाफ अपराधों की गंभीरता को उजागर करती है।

 

आपकी राय में, ऐसे मामलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समुदाय और प्रशासन को क्या कदम उठाने चाहिए?