चम्पावत बाईपास निर्माण: 1882 पेड़ों का कटान जल्द होगा शुरू

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उत्तराखंड में वन भूमि पर अवैध कब्ज़े को लेकर सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी के बाद अब चम्पावत बाईपास का निर्माण कार्य चर्चा में है, जिसके रास्ते में आने वाले 1882 पेड़ों को काटा जाएगा। बाईपास निर्माण के लिए जल्द ही पेड़ों का कटान शुरू किया जाएगा।

🛣️ परियोजना का विवरण

विवरण जानकारी
बाईपास की लंबाई 9.87 किलोमीटर
परियोजना लागत लगभग ₹220.80 करोड़
कुल प्रभावित पेड़ 1882 (देवदार, बांज, चीड़, उतीस आदि प्रजाति के)
प्रस्तावित भूमि $8.94$ हेक्टेयर वन भूमि और $12.78$ हेक्टेयर नाप भूमि
शुरुआती बिंदु टनकपुर रोड में मुड़ियानी के पास
अंतिम बिंदु तिलौन तक (मुड़ियानी से शुरू होकर चैकुनीबोरा, चैकुनी पांडेय, कफलांग, शक्तिपुरबुंगा, दुधपोखरा, नगरगांव होकर)
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एनएच खंड के अधिशासी अभियंता दीपक जोशी ने बताया कि $220.80$ करोड़ की लागत से यह $9.87$ किलोमीटर लंबा बाईपास रोड बनाया जाना है।

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💰 प्रभावितों को मुआवज़ा और कटान की तैयारी

  • मुआवज़ा: बाईपास निर्माण से प्रभावित लोगों को मुआवज़ा देना पूर्व में शुरू कर दिया गया है। मुआवज़ा ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल रेट का चार गुना और शहरी क्षेत्र में सर्किल रेट के दोगुने के आधार पर दिया जा रहा है।

  • पेड़ों का कटान: रेंजर बृजमोहन टम्टा ने बताया कि बाईपास निर्माण के लिए सभी 1882 पेड़ों का चिह्नीकरण पूरा कर लिया गया है। वन निगम जल्द ही पेड़ों की कटिंग का काम शुरू करेगा।

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