दीपावली की तिथि पर असमंजस: उत्तराखंड के धर्माचार्यों ने 20 या 21 अक्टूबर को मनाने पर दी अलग-अलग राय
रोशनी का त्योहार दीपावली इस बार सोमवार (20 अक्टूबर) और मंगलवार (21 अक्टूबर) दोनों दिन मनाई जाएगी, जिसको लेकर ज्योतिषाचार्यों और विद्वानों में मतभेद है।
20 अक्टूबर को दीपावली मनाने के पक्ष में
- धर्माचार्यों का निर्णय: बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के धर्माचार्यों, विद्वानों और ज्योतिषाचार्यों ने 20 अक्टूबर को दीपावली मनाने का धर्मसम्मत निर्णय लिया है।
- तर्क (पंडित राधाकृष्ण थपलियाल): बद्री-केदार धाम के धर्माधिकारी पंडित राधाकृष्ण थपलियाल का कहना है कि 20 अक्टूबर की रात को ही अमावस्या तिथि, प्रदोषकाल और शुभ मुहूर्त का संयोग बन रहा है।
- तर्क (ज्योतिषाचार्य डा. सुशांत राज): उनका कहना है कि चूँकि लक्ष्मी पूजन निशिता काल में की जाती है, जो 20 अक्टूबर को पड़ रही है।
21 अक्टूबर को दीपावली मनाने के पक्ष में
- उत्तराखंड विद्वत सभा का निर्णय: वर्षों से पंचांग की अनिश्चितता को देखते हुए, उत्तराखंड विद्वत सभा के अध्यक्ष हर्षपति गोदियाल, प्रवक्ता विपिन चंद्र डोभाल और पूर्व अध्यक्ष आचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं ने पंचांगों का अध्ययन कर 21 अक्टूबर को दीपावली मनाने का निर्णय लिया है।
- तर्क (आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं): वाणी भूषण पंचांग और सरस्वती पंचांग के अनुसार 21 अक्टूबर को दीपावली का शास्त्र सम्मत निर्णय है। उनका कहना है कि सायंकालिक संधिकाल पर लक्ष्मी आगमन का समय इसी दिन शास्त्रसम्मत है।
- तर्क (पंडित प्रमोद चमोली): किशननगर चौक स्थित राधा कृष्ण मंदिर के पंडित प्रमोद चमोली के अनुसार, अधिकतर पंचांगों में लिखा है कि स्वाती नक्षत्र 21 अक्टूबर को ही लग रहा है, और इसी नक्षत्र में लक्ष्मी पूजा का विधान है।
ज्योतिषाचार्य डा. सुशांत राज के अनुसार, कार्तिक अमावस्या 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से 21 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगी।
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