लालकुआं: गौला नदी में करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए तटबंधों के बारिश में क्षतिग्रस्त होने के बाद लालकुआं और बिंदुखत्ता के दर्जनों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने तहसील में धरना दिया। उन्होंने तटबंधों की खराब गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के आरोप
किसान कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हेमवतीनंदन दुर्गापाल ने कहा कि हाल ही में हुई बारिश में गौला नदी का जलस्तर थोड़ा बढ़ने पर ही इंदिरानगर और रावतनगर जैसे क्षेत्रों में बनाए गए तटबंध ढह गए। उन्होंने आरोप लगाया कि तटबंधों का निर्माण मानकों के अनुरूप नहीं हुआ। बोल्डर की जगह छोटे पत्थरों का इस्तेमाल किया गया, जिस कारण वे मामूली दबाव नहीं झेल पाए।
उन्होंने कहा कि बीते पाँच सालों में नदी डायवर्जन के नाम पर 20 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं, लेकिन परिणाम शून्य रहा है। यदि इसी धनराशि से हल्दूचौड़ से शीशम भुजिया तक एक स्थायी दीवार बना दी गई होती, तो आज कई क्षेत्र सुरक्षित होते।
मुख्यमंत्री से की गई मांगें
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अपने ज्ञापन में मुख्यमंत्री से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- खराब गुणवत्ता वाले तटबंधों के निर्माण की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
- दोषी ठेकेदारों से निर्माण पर खर्च हुई राशि की वसूली की जाए।
- अस्थायी तटबंधों के बजाय, गौला नदी में बाढ़ सुरक्षा के लिए एक स्थायी दीवार का निर्माण कराया जाए।
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