देहरादून: उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में देहरादून जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष सीट राजनीतिक दलों की सामान्य लड़ाई से हटकर दो प्रभावशाली चौहान परिवारों की प्रतिष्ठा का अखाड़ा बन गई है। राजधानी होने के नाते इस सीट पर राजनीतिक दलों का भी खासा ध्यान रहता है।
आमने-सामने चौहान परिवार
देहरादून जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर पारंपरिक रूप से चौहान परिवार ही आमने-सामने रहते हैं। एक परिवार बीजेपी से जुड़ा हुआ है, जिसका नेतृत्व वर्तमान में विधायक मुन्ना सिंह चौहान कर रहे हैं। वहीं, दूसरे परिवार का इतिहास कांग्रेस के साथ जवाहरलाल नेहरू के समय से जुड़ा है, जिसका प्रतिनिधित्व कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह कर रहे हैं, जो लंबे समय से चकराता विधानसभा सीट पर अपनी जीत बरकरार रखे हुए हैं।
चुनावी मैदान में नए चेहरे
इस बार, कांग्रेस के प्रीतम सिंह ने अपने 36 वर्षीय बेटे अभिषेक सिंह को जिला पंचायत सदस्य के रूप में चुनावी मैदान में उतारा है। यह अभिषेक की राजनीतिक पारी की शुरुआत पंचायत चुनाव से हो रही है, और यह स्पष्ट संकेत है कि कांग्रेस की तरफ से इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए उन्हीं पर दांव खेला जाएगा। अभिषेक सिंह ने कहा, “कांग्रेस पंचायत चुनाव में पूरी ताकत से चुनाव लड़ने जा रही है। मुझे विश्वास है कि इस बार कांग्रेस ही इन चुनावों में जीत हासिल करेगी।”
दूसरी ओर, विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी मधु चौहान ने भी चुनाव के लिए पर्चा भरा है। जाहिर है कि मधु चौहान भी अध्यक्ष पद के लिए प्रमुख दावेदार हैं और भविष्य में कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक सिंह के सामने उनका ही चेहरा होगा।
दोनों परिवारों का रहा है दबदबा
उत्तराखंड बनने के बाद से जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर इन दोनों ही परिवारों का दबदबा रहा है।
- कांग्रेस से चमन सिंह (प्रीतम सिंह के भाई) इस सीट पर दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं (2003 और 2014 में)।
- मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी मधु चौहान भी देहरादून जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में दो बार जीत हासिल कर चुकी हैं (2008 और 2019 में)।
इस बार प्रीतम सिंह ने अपने भाई चमन सिंह की जगह अपने बेटे अभिषेक सिंह को मैदान में उतारा है, जिससे मुकाबला और भी रोचक हो गया है।
जीत का मिथक: सत्ताधारी दल का साथ
देहरादून जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर एक दिलचस्प मिथक यह भी है कि इस सीट पर उसी प्रत्याशी ने कब्ज़ा बनाए रखने में कामयाबी हासिल की है, जिसकी राज्य में सरकार रही है। इस लिहाज़ से देखा जाए तो इस बार, चूंकि राज्य में बीजेपी की सरकार है, देहरादून जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पर मधु चौहान का दबदबा दिखाई दे सकता है।
मधु चौहान ने कहा, “इस सीट पर 10 साल तक महिला सशक्तिकरण से लेकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाया है। ऐसे में मुझे पूरी उम्मीद है कि जनता इस बार उन्हें मौका देगी।”
इस बार का मुकाबला इसलिए भी रोचक है क्योंकि एक तरफ 10 साल तक इस सीट पर अध्यक्ष की कमान संभालने वाली मधु चौहान (बीजेपी की तरफ से संभावित दावेदार) होंगी, तो वहीं दूसरी तरफ पहली बार राजनीतिक रूप से चुनावी मैदान में एंट्री करने वाले अभिषेक सिंह (कांग्रेस की तरफ से संभावित दावेदार) होंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार सत्ताधारी दल का मिथक कायम रहता है या नया इतिहास रचा जाता है।
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