जब यूपी में दाल न गली तो उत्तराखंड में डाल दी नकली सीमेंट बनाने की फैक्ट्री परंतु पुलिस की पैनी नजर से यहां भी ना बच सका नकली सीमेंट का कारखाना ,काशीपुर पुलिस और एसटीएफ की टीम ने नकली सीमेंट बनाने वाली फैक्ट्री का किया भंडाफोड़

When pulses were not available in UP, fake cement factory was set up in Uttarakhand, Kashipur police and STF team busted fake cement factory

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राजू अनेजा, काशीपुर। यूपी में नकली सीमेंट बनाने में नाकामयाब रहे तो शातिर ने देवभूमि में नकली सीमेंट बनाने का कारखाना तैयार कर दिया परंतु यहां भी पुलिस की पैनी नजरों से नकली सीमेंट का कारखाना बच न सका और एसटीएफ की टीम के साथ काशीपुर पुलिस ने नकली सीमेंट के हजारों कट्टो के साथ नकली सीमेंट बनाने का कारखाना पकड़ लिया परंतु कार्रवाई होने से पूर्व आरोपी फरार होने में कामयाब हो गया जिसकी पुलिस टीम तत्परता के साथ तलाश कर रही है।

 

 

अपर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी सिटी अभय सिंह ने बताया कि शनिवार की रात एक सूचना के आधार पर कोतवाल मनोज रतूडी व एसटीएफ कुमायूं  निरीक्षक एमपी सिंह के नेतृत्व में टीम ने अलीगंज रोड स्थित पैराडाइज कालोनी में नकली सीमेन्ट की बनाने की फैक्ट्री पर छापा मारा। उन्होंने बताया कि टीम न अल्ट्राटेक सीमेन्ट के कट्टों से लदा एक कैन्टर संख्या यूपी22 एटी 2626 व ट्रक संख्या यूके06 सीबी 2980 को कब्जे में ले लिया। पुलिस ने दोनों ट्रकों के चलाकों भूपेन्द्र पुत्र अखलेंन्द्र कुमार निवासी ग्राम मुड़िया होलास थाना बरखेड़ा जिला पीलीभीत व अनस पुत्र यामीन निवासी टांडा बादली रामपुर से माल के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बताया की माल नागफनी, मुरादाबाद निवासी कमल सागर व पत्थरखेड़ा, भोट जिला रामपुर निवासी वसीम पुत्र मेहंदी हसन का है। पुलिस ने मौके से ग्राम उझहरी टोनरिया थाना नगरी जिला मुराराबाद निवासी कमल सागर को गिरफ्तार किया। उसने बताया कि वह वसीम का मुंशी है जो यहां का काम देखता है। दोनांे ड्राईवरों ने बताया गया कि हमको माल लाने ले जाने का किराया मिलता है। परिसर में दो बड़े गोदाम बने हुये है। जहां अल्ट्राटेक सीमेन्ट, एसीसी, माईसेम और बांगर सीमेन्ट लिखे काफी संख्या मंे नकली कट्टे और एक इलेक्ट्रॉनिक कांटा बरामद हुआ। मौके पर आये अल्ट्राटेक सीमेंट के अधिकारी संजय शर्मा द्वारा फैक्ट्री का अवलोकन कर बताया कि जिन कट्टों में हमारी कंपनी अल्ट्राटेक का नाम अंकित है वह कट्टे डुप्लीकेट तरीके से छपवाए गए हैं। इन कट्टों में जो बैच नंबर व एमआरपी अंकित है वह स्पष्ट नहीं है और भिन्न है जबकि हमारी कंपनी के जो कट्टे होते हैं उनके बैच नंबर वह एमआरपी स्पष्ट पढ़ने में आते हैं। हमारी कंपनी के कट्टों में बैच नंबर व एमआरपी लेजर डॉटेड तरीके से कट्टों में अंकित कराया जाता है। उधर एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया गया कि उत्तराखंड एसटीएफ को पिछले कई दिनों से कुमाऊ के उधम सिंह नगर जिले में नकली सीमेंट बनाए जाने और उसे बाजार में बेचे जाने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी, जिस पर एसटीएफ की कुमाऊं यूनिट को निर्देशित किया गया था। टीम के द्वारा शनिवार देर रात्रि उक्त नकली सीमेंट की फैक्ट्री का खुलासा कर एक व्यक्ति की गिरफ्तारी की गई, जिसमें भारी मात्रा में अलग-अलग ब्रांड का नकली सीमेंट तैयार किया जा रहा था। इस नकली सीमेंट की फैक्ट्री का संचालन उत्तर प्रदेश निवासी वसीम के द्वारा किया जा रहा था जो कि फरार है और एक आदतन अपराधी है, उसके ऊपर उत्तर प्रदेश में नकली सीमेंट की फैक्ट्री चलाने के कई मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं। वसीम की तलाश की जा रही है और जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा। एसटीएफ द्वारा अभियुक्तों के विरु( एक मुकदमा अंतर्गत धारा 420, 467, 468, 471 आईपीसी, धारा 63, 65 कॉपीराइट एक्ट 1957 धारा 102, 104 ट्रेडमार्क एक्ट 1999 के तहत कोतवाली काशीपुर में दर्ज कराया गया है। पुलिस टीम में एस टी एपफ के निरीक्षक एमपी सिंह, उपनिरीक्षक केजी मठपाल, मुख्य आरक्षी जगपाल सिंह व संजय कुमार, आरक्षी नवीन कुमार के अलावा पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक मनोज रतूड़ी, उपनिरीक्षक मनोज जोशी, संतोष कुमार देवरानी व कंचन पड़लिया के अलावा कांस्टेबिल मनोज कुमार शामिल रहे।