गढ़वाल लोकसभा सीट:सैनिक बाहुल्य सीट पर पहली बार मैदान में दो ब्राह्रमण चेहरे,जानिए कौन किस पर कहां पड़ेगा भारी

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गढ़वाल सीट इस समय सबसे हॉट सीट बन गई है। भाजपा ने राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने गणेश गोदियाल पर दांव खेला है। ऐसे में गढ़वाल की जंग दिलचस्प नजर आ रही है।

भौगोलिक दृष्टि से गढ़वाल लोकसभा सीट का हिस्सा काफी लंबा चौड़ा है। नरेंद्रनगर से लेकर रामनगर विधानसभा और देवप्रयाग से लेकर चमोली विधानसभा तक पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट का दायरा फैला है। ऐसे में इस सीट पर प्रत्याशियों को काफी पसीना बहाना होगा।

अब बात प्रत्याशियों की। पहले भाजपा के अनिल बलूनी की जो दिल्ली में रहकर राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। लेकिन स्थानीय लोक पर्व ईगास को राष्ट्रीय पहचान दिलाना और पौड़ी गढ़वाल में बतौर राज्यसभा के तौर पर किए गए कार्य बलूनी की सबसे बड़ी ताकत बताई जा रही है। इसके साथ ही पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबियों में बलूनी की गिनती होती है। जिस वजह से इस सीट पर दोनों की नजर भी रहेगी।

हालांकि कांग्रेस बलूनी को दिल्ली रहने वाला बताकर अभी से बाहरी और स्थानीय का कार्ड खेलने का प्रयास करने में जुट गई है। कांग्रेस के प्रत्याशी गणेश गोदियाल राठ क्षेत्र से लेकर पूरे पौड़ी और श्रीनगर में अपनी अलग छाप छोड़ने में कामयाब हुए हैं। पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक को विधानसभा चुनाव में शिकस्त देकर गोदियाल ने उत्तराखंड की राजनीति में काफी चर्चा का विषय बने रहे।

इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। गोदियाल पहले सतपाल महाराज और अब हरीश रावत के करीबियों में शामिल हैं। खास बात ये है कि अनिल बलूनी और गणेश गोदियाल दोनों ब्राह्रमण चेहरे हैं। ऐसे में इस सीट पर ठाकुर और अन्य जाति के लोग किस मुद्दे को देखकर वोट करते हैं।

ये भी देखना दिलचस्प होगा। साथ ही पौड़ी गढ़वाल सीट पर अंकिता भंडारी केस को लेकर भी सियासत गरमाई हुई है। जो कि भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। जबकि कांग्रेस और गणेश गोदियाल लगातार अंकिता के माता पिता के साथ खड़े होकर न्याय यात्रा भी निकाल चुके हैं।