उत्तराखंड भाजपा में बढ़ी कलह: पूर्व CM त्रिवेंद्र और तीरथ रावत ने खोले मोर्चे

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देहरादून: उत्तराखंड भाजपा के भीतर आंतरिक मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आ गए हैं। राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री, त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत, अलग-अलग तरीकों से वर्तमान सरकार और संगठन पर सवाल उठा रहे हैं, जिससे पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।


 

त्रिवेंद्र रावत की ‘घेराबंदी’ और नाराजगी

 

हाल ही में दिल्ली में हुई उत्तराखंड भाजपा की बैठक से त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाराज होकर बाहर निकलने की खबरें आईं। इसके बाद उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों रमेश पोखरियाल निशंक और विजय बहुगुणा से मुलाकात की, जिसे राजनीतिक गलियारों में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है। त्रिवेंद्र पहले भी अवैध खनन और देहरादून स्मार्ट सिटी जैसे मुद्दों पर वर्तमान सरकार पर निशाना साध चुके हैं।

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तीरथ रावत का भ्रष्टाचार पर निशाना

 

पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि उत्तराखंड बनने के बाद भी भ्रष्टाचार की रफ्तार कम नहीं हुई है, बल्कि अब यह राज्य के भीतर ही चल रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाती, तब तक आम जनता को राहत नहीं मिलेगी।

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क्यों बढ़ रही हैं भाजपा की मुश्किलें?

 

यह घटनाक्रम भाजपा के लिए इसलिए भी मुश्किल पैदा कर रहा है, क्योंकि 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस पहले से ही भ्रष्टाचार और आपदा प्रबंधन को लेकर भाजपा पर हमलावर है। गौरतलब है कि त्रिवेंद्र और तीरथ दोनों को ही अपना मुख्यमंत्री कार्यकाल पूरा करने से पहले ही पद से हटा दिया गया था, जिससे उनके बीच असंतोष की भावना है।

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