देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सभी वर्दीधारी विभागों में कांस्टेबल से लेकर सब इंस्पेक्टर रैंक तक की भर्ती के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब इन पदों के लिए एक ही संयुक्त परीक्षा आयोजित की जाएगी, हालांकि संबंधित विभागों के अपने-अपने भर्ती मानक बरकरार रहेंगे। इस फैसले से सीधी भर्ती की चयन प्रक्रिया नियमावली को अंतिम मंजूरी मिल गई है, जिसकी कवायद लंबे समय से चल रही थी।
एक परीक्षा, कई पद:
सचिव गृह एवं गोपन, शैलेश बगौली ने बताया कि यह व्यवस्था सरकार के संसाधनों का समुचित उपयोग करने और अभ्यर्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं को अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में विभिन्न भर्ती एजेंसियों के माध्यम से सिपाही से लेकर सब इंस्पेक्टर रैंक तक की जो भी भर्ती होगी, वह संबंधित सभी विभागों के लिए एक साथ होगी।
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सिपाही/कांस्टेबल स्तर के पद:
- पुलिस में कांस्टेबल
- अग्निशमन में फायरमैन
- जेल में बंदी रक्षक
- पीएसी में आरक्षी
- आबकारी में कांस्टेबल
- सचिवालय में रक्षक
- परिवहन में प्रवर्तन सिपाही
- वन में फॉरेस्ट गार्ड
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सब इंस्पेक्टर स्तर के पद:
- पुलिस सब इंस्पेक्टर
- फायर सेकंड ऑफिसर
- प्रधान बंदी रक्षक
- प्लाटून कमांडर
- आबकारी सब इंस्पेक्टर
- सचिवालय सब इंस्पेक्टर
- परिवहन उप निरीक्षक
- फॉरेस्टर
इन सभी पदों के लिए एक ही परीक्षा आयोजित की जाएगी। मेरिट के आधार पर अभ्यर्थियों को उनके विकल्प और योग्यता के अनुसार विभाग आवंटित किए जाएंगे।
प्रतियोगियों के लिए संभावित चुनौतियाँ:
इस नए फैसले से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ सकती हैं। पहले यदि कोई अभ्यर्थी अपने पहले प्रयास में किसी एक वर्दीधारी विभाग की परीक्षा में सफल नहीं हो पाता था, तो वह दूसरे वर्दीधारी विभाग की भर्ती की तैयारी शुरू कर सकता था। अब एक ही परीक्षा होने से उसे दूसरी बार मौका पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। ऐसी भी स्थिति आ सकती है कि जब अगली विज्ञप्ति जारी हो, तब तक अभ्यर्थी निर्धारित आयु सीमा को पार कर जाए, जिससे वह आवेदन करने से वंचित रह सकता है।
उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग का पुनर्गठन, 12 नए पदों को मंजूरी
देहरादून: धामी कैबिनेट ने उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग के संरचनात्मक ढांचे के पुनर्गठन को भी अपनी मंजूरी दे दी है। इस निर्णय से आयोग में कुल पदों की संख्या 47 से बढ़कर 59 हो गई है, जिसमें 12 नए पदों का सृजन किया गया है।
उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग का गठन वर्ष 2011 में किया गया था और तब इसके संरचनात्मक ढांचे में कुल 47 पद सृजित किए गए थे। पिछले 11 वर्षों से आयोग के वर्तमान ढांचे का कार्य की आवश्यकता के आधार पर पुनर्गठन नहीं हो सका था, जिससे आयोग के दैनिक कार्य प्रभावित हो रहे थे। कार्य की बढ़ती अधिकता को देखते हुए, आयोग के बेहतर संचालन के लिए ये 12 नए पद सृजित किए गए हैं।












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