नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 साल का कठोर कारावास, ₹2 लाख प्रतिकर देने का आदेश

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देहरादून: एक नाबालिग किशोरी को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने और जान से मारने की धमकी देने के दोषी जसपाल को कोर्ट ने दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर अलग-अलग धाराओं में 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।

पोक्सो कोर्ट की जज अर्चना सागर ने आदेश दिया है कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दो लाख रुपये राज्य सरकार से दिलाएगा। आरोपी जसपाल और पीड़िता की मुलाकात सोशल मीडिया साइट फेसबुक के जरिए हुई थी।


 

2018 में दर्ज हुआ था मामला

 

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सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा ने बताया कि 1 सितंबर 2018 को एक 16 वर्ष दो महीने की किशोरी के पिता ने पटेलनगर कोतवाली में केस दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी से फेसबुक पर एक महीने पहले जसपाल निवासी देवाल चिन्यली चोरिंग देवाल, जिला चमोली ने दोस्ती की थी।

जसपाल उस समय देहरादून के अंबीवाला राजीवनगर में रहकर प्राइवेट नौकरी करता था। दोनों ने फेसबुक के जरिए एक-दूसरे का नंबर साझा किया और बातचीत शुरू कर दी। आरोप है कि जसपाल पीड़िता को झांसा देकर 23 अगस्त 2018 को बंजारावाला कारगी चौक स्थित एक कमरे पर ले गया, जहाँ उसने जबरन पीड़िता से दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी और शादी का झांसा देकर उसे घर भेज दिया। आरोपी इसके बाद बार-बार पीड़िता पर मिलने का दबाव बनाने लगा। पीड़िता ने इस बारे में परिजनों को बताया, जिसके बाद केस दर्ज कराया गया।

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पुलिस कार्रवाई और अहम गवाही

 

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर 3 सितंबर 2018 को आरोपी जसपाल को गिरफ्तार किया। पुलिस जांच के बाद 3 दिसंबर 2018 को न्यायालय में चार्जशीट फाइल की गई, जिसमें आठ गवाह शामिल किए गए थे। आरोपी के खिलाफ 5 जनवरी 2019 को आरोप तय किए गए और केस ट्रायल पर आया। कोर्ट ने आरोपी को गुरुवार को दोषी करार देते हुए शुक्रवार को सजा पर फैसला सुनाया। इस मामले में आरोपी के खिलाफ पीड़िता की गवाही सबसे अहम रही, जिसने दोषी को सजा दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाई।

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यह फैसला समाज में नाबालिगों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने और सोशल मीडिया के सही इस्तेमाल के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक होगा।