देहरादून में पंचायत चुनाव ड्यूटी से स्कूल शिक्षा पर संकट: 80 से अधिक स्कूलों में सभी शिक्षक चुनाव ड्यूटी पर

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देहरादून: देहरादून जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की ड्यूटी ने शिक्षा व्यवस्था के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। चुनाव ड्यूटी तय करने वाले अधिकारियों ने शायद व्यावहारिक पहलुओं को नज़रअंदाज़ कर दिया है, क्योंकि 80 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी पर भेजा जा रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इन स्कूलों में बच्चों का पठन-पाठन कौन करवाएगा और बरसात के मौसम में नौनिहालों की सुरक्षा का ज़िम्मेदार कौन होगा?


 

शिक्षकों ने उठाई आवाज़, व्यवस्था पर सवाल

 

चुनाव से पूर्व होने वाली रिहर्सल में भी ड्यूटी देने वाले शिक्षकों का शामिल होना अनिवार्य है। कई शिक्षक अपने स्तर पर उच्च अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं कि आखिर स्कूल की व्यवस्था किसको सौंपी जाए। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस मामले को प्राथमिक शिक्षा निदेशक प्रारंभिक प्रेमलाल भारती के समक्ष उठाया है और तत्काल इस पर अमल करने का आग्रह किया है।

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संघ ने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय डोईवाला की शिक्षिकाएं उषा बोरा और मीनाक्षी दिव्यांग श्रेणी में आती हैं, लेकिन उनकी भी चुनाव ड्यूटी लगा दी गई है।


 

स्कूलों की स्थिति और प्रभावित छात्र

 

कई स्कूलों में तो स्थिति और भी गंभीर है:

  • राजकीय प्राथमिक विद्यालय पंडितवाड़ी: यहाँ 101 छात्र-छात्राएं हैं और कार्यरत पाँचों शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी पर बुलाया गया है।
  • राजकीय प्राथमिक विद्यालय रायवाला व कालसी विकासखंड के तहत देऊ प्राइमरी: इन दोनों स्कूलों में दो-दो अध्यापक हैं, और उनकी ड्यूटी के दौरान स्कूलों में पढ़ाने वाला कोई नहीं होगा।
  • कालसी क्षेत्र का बड़ैत प्राइमरी स्कूल: यहाँ के भी दोनों अध्यापक चुनाव ड्यूटी के लिए बुलाए गए हैं।
  • विकासनगर का राजकीय प्राथमिक विद्यालय पथरौली: 120 छात्रों को पढ़ाने वाले सभी चारों शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी के लिए पत्र थमा दिए गए हैं।
  • शाहपुर कल्याणपुर प्राथमिक विद्यालय (विकासनगर): यहाँ के 92 छात्र पंचायत चुनाव के दौरान स्वयं ही पढ़ाई करेंगे, क्योंकि तीनों शिक्षक चुनाव ड्यूटी पर रहेंगे।
  • रुद्रपुर प्राइमरी (विकासनगर) एवं गौहरी माफी स्कूल (डोईवाला): इन एकल शिक्षक वाले स्कूलों में भी एकमात्र शिक्षक को चुनाव ड्यूटी में बुला लिया गया है, जिससे दोनों स्कूल “राम भरोसे” छोड़े गए हैं।
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इसके अलावा, मलोग कालसी, सहस्रधारा, बोक्शा बस्ती, चामासारी, मालदेवता रायपुर, दोऊ, रामगढ़, कूनवाला, सिम्यारी, कचटा कालसी, रासोलपुर, पानवा कालसी, बंशीवाला, तिमली, जमनीपुर सहित कई अन्य प्राथमिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों या एकमात्र शिक्षक को चुनाव ड्यूटी पर बुलाया गया है।


 

जिला प्राथमिक शिक्षक संघ की मांगें

 

धर्मेंद्र सिंह रावत, अध्यक्ष जिला प्राथमिक शिक्षक संघ, ने उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष को पत्र भेजकर जानकारी दी है कि पंचायत चुनाव में एकल महिला/पुरुष अभिभावक शिक्षक, दिव्यांग शिक्षक, पति-पत्नी शिक्षक में से किसी एक को ड्यूटी से मुक्त रखा जाए। साथ ही, गंभीर रूप से बीमार और एकल शिक्षक वाले स्कूलों के शिक्षकों को भी चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग की गई है।

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रावत ने इस बात पर ज़ोर दिया कि बरसात का मौसम सिर पर है और दर्जनों स्कूलों के सभी शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी पर बुलाने से नौनिहालों की सुरक्षा, मध्याह्न भोजन और पठन-पाठन कैसे संपन्न होगा, यह एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से इस मामले को चुनाव अधिकारियों के समक्ष रखने का आग्रह किया है।

यह स्थिति दिखाती है कि चुनाव आयोग को ड्यूटी आवंटन में अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने की ज़रूरत है ताकि शिक्षा व्यवस्था और छात्रों की सुरक्षा प्रभावित न हो।