पटना: बिहार में एक विवाह समारोह उस समय दुखद घटना में बदल गया, जब दुल्हन ने दूल्हे के हाथ में जन्म से ही कुछ परेशानी (दिव्यांगता) होने के कारण शादी के ठीक बाद उसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। दोनों पक्षों की लाख कोशिशों के बाद भी दुल्हन नहीं मानी, जिसके परिणामस्वरूप शादी की रस्में पूरी होने के कुछ ही मिनट बाद दोनों का तलाक करवा दिया गया और बारात बिना दुल्हन के उदास होकर लौट गई।
कबूलनामे की रस्म पर दुल्हन ने किया इनकार
यह घटना सोमवार को हुई जब दूल्हा अपनी बारात लेकर विवाह स्थल पर पहुँचा। बारात का स्वागत शानदार तरीके से किया गया और शादी की रस्में भी शुरू हो गईं। बताया गया है कि दूल्हे के हाथ में जन्मजात थोड़ी परेशानी थी।
दूल्हे के एक रिश्तेदार ने बताया कि यह विवाह दोनों पक्षों को जानने वाले एक बिचौलिए ने तय करवाया था। दूल्हे के परिवार ने उस बिचौलिए को दूल्हे के हाथ की परेशानी के बारे में बता दिया था, लेकिन बिचौलिए ने यह महत्वपूर्ण जानकारी दुल्हन पक्ष से छिपाए रखी।
शादी की रस्में पूरी होने के बाद जब कबूलनामे की रस्म आई, तो दूल्हे के निश्शक्त होने की जानकारी मिलते ही दुल्हन अड़ गई। उसने दूल्हे को पति के रूप में स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया। दुल्हन को समझाने के लिए खूब प्रयास किए गए, लेकिन जब वह अपने फैसले पर अडिग रही, तो दोनों पक्षों की सहमति से तुरंत तलाक की रस्में पूरी की गईं।
पारदर्शिता की कमी बनी रिश्ते टूटने की वजह
यह मामला विवाह जैसे पवित्र रिश्ते में पारदर्शिता की कमी के गंभीर परिणाम को दर्शाता है। यह घटना इस बात पर जोर देती है कि विवाह से पहले दोनों पक्षों को सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ साफ-साफ बता देनी चाहिए और लड़का-लड़की की मर्जी तथा उन्हें एक-दूसरे से मिलने का मौका देना भी बहुत जरूरी है।
इस मामले में आपकी क्या राय है?
यह पूरा मामला बेहद दुखद है। आपके अनुसार, इस रिश्ते के टूटने का दोषी किसे ठहराया जाना चाहिए— दूल्हे को, दुल्हन को या बिचौलिए (रिश्ता तय करने वाले व्यक्ति) को? अपनी राय साझा करें।



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