राजनाथ ने लगाए फोन, राहुल की 1 शर्त और… जानें NDA ने कैसे लगाई ओम बिरला के नाम पर मुहर

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18वीं लोकसभा में स्पीकर कौन होगा, इसे लेकर सस्पेंस खत्म हुआ ही था कि नया ट्विस्ट आ गया है. स्पीकर पद को लेकर ओम बिरला का नाम तय हुआ, तो विपक्ष ने ऐलान कर दिया कि वह भी अपना उम्मीदवार उतारेगा.

मतलब साफ है कि अब चुनाव होगा. किसी को भी निर्विरोध नहीं चुना जाएगा. ओम बिरला फिर से लोकसभा अध्यक्ष (Om Birla) बनने जा रहे हैं. स्पीकर का चुनाव एनडीए के लिए भी आसान नहीं रहा. इसके पर्दे की पीछे की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है. स्पीकर एनडीए से हो, इसे लेकर बंद कमरे में जेडीयू और कांग्रेस से मान मनौव्वल का दौर भी खूब चला. इसके लिए न सिर्फ नीतीश कुमार बल्कि मल्लिकार्जुन खरगे से भी बातचीत की गई, जिसके बाद विपक्ष स्पीकर पद पर उम्मीदवार न उतारने को लेकर सहमत हो गया. लेकिन वह डिप्टी सीएम की मांग पर अब भी अड़ा हुआ है. एनडीए के लिए लोकसभा स्पीकर बनाना आसान हो सके, इसके लिए मोर्चा संभाला राजनाथ सिंह ने. स्पीकर की राह में कोई रोड़ा न आए, इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार देर रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात की और इस मुद्दे पर विपक्ष का समर्थन मांगा. खरगे के अलावा राजनाथ ने डीएमके नेता एम के स्टालिन समेत अन्य विपक्षी नेताओं को भी फोन घुमाया, तब जाकर ओम बिरला का नाम फाइनल करना आसान हो सका.

कैसे तय हो सका लोकसभा अध्यक्ष का नाम?

सूत्रों के मुताबिक, पहले एनडीए की तरफ से स्पीकर के लिए चार नामों की चर्चा चल रही थी. ये चार नाम थे- ओम बिरला, भर्तहरि महताब , राधा मोहन सिंह और डी पुरंदेश्वरी के. लेकिन ओम बिरला मंगलवार को जब संसद भवन में पीएम मोदी से मिलने पहुंचे तो इनमें से कई नाम धुंधले होने लगे और तस्वीर लगभग साफ हो गई. कयास लगाए जाने लगे कि लोकसभा में एक बार फिर से ओम बिरला का दबदबा होगा. हुआ भी कुछ ऐसा ही. पीएम मोदी से मुलाकात के महज कुछ ही समय के भीतर ही ये खबर सामने आ गई कि ओम बिरला एक बार फिर से लोकसभा अध्यक्ष बनने जा रहे हैं.

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स्पीकर पर बात नहीं हुई, विपक्ष की नाराजगी

वहीं विपक्ष चाहता था कि स्पीकर के चेहरे पर उनके साथ भी बातचीत की जाए. RSP के एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के कुछ दलों को लगता है कि अगर सरकार उनके साथ स्पीकर के नाम को लेकर चर्चा नहीं करती है तो उनको चुनाव लड़ना चाहिए. हालांकि फिर खबर आई कि विपक्ष स्पीकर चुनाव से पीछे हट गया है. प्रेमचंद्रन का कहना था कि लोकसभा में विपक्ष के 234 सांसद हैं, इसीलिए स्पीकर चुनने के लिए विपक्ष के साथ बातचीत जरूरी है. अब उन चेहरों के बारे में भी बताते हैं, जिनका नाम ओम बिरला का नाम फाइनल होने से पहले तक नए स्पीकर की रेस में चल रहा था.

ओम बिरला

एनडीए की तरफ से 18वीं लोकसभा के स्पीकर पद के लिए ओम बिरला का नाम सबसे आगे चल रहा है. ओम बिरला 17वीं लोकसभा में भी लोकसभा के स्पीकर रह चुके हैं. उन्होंने राजस्थान के कोटा लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार प्रह्लाद गुंजन को 41974 वोटों से शिकस्त दी थी. RSS का गढ़ माने जाने वाले कोटा के चुनावी मैदान में बीजेपी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को उतारा था. वह कोटा बूंदी सीट से लगातार तीसरी बार सासंद बने हैं.

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भर्तहरि महताब

भर्तहरि महताब ओडिशा से बीजेपी के सांसद हैं. उनको 18वीं लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है. यह एक अस्थायी पद है. जिसके तहत उन्होंने सोमवार को नए सदस्यों को शपथ दिलवाई थी. उनका नाम भी स्पीकर की रेस में चल रहा था. हालांकि इस बारे में उनकी तरफ से कोई भी बयान सामने नहीं आया. भर्तहरि महताब को जब प्रोटेम स्पीकर बनाया गया, तो विपक्ष ने इस कदम की जमकर आलोचना की. बता दें भर्तहरि मेहताब सात बार के लोकसभा सासंद हैं. मेहताब पहले बीजेडी में थे. लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था. वह बीजेपी के टिकट पर 1998 से कटक सीट पर छह बार जीत हासिल कर चुके हैं. सातवीं बार उन्होंने बीजेपी के टिकट पर परचम लहराया है.

राधा मोहन सिंह

राधामोहन सिंह बीजेपी के सीनियर नेता है. वह बिहार के पूर्वी चंपारण लोकसभा से सांसद हैं. उन्होंने इस लोकसभा चुनाव में विकासशील इंसान पार्टी के राजेश कुमार को हराकर जीत हासिल की है. राधा मोहन सिंह ने छठी बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है. उनका नाम भी लोकसभा स्पीकर की रेस में शामिल था. राधामोहन सिंह 2014 और 2019 में मंत्री भी रह चुके हैं. उनको संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है. वह 2006 से 2009 तक बिहार बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं.

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डी पुरंदेश्वरी

लोकसभा स्पीकर के लिए डी पुरंदेश्वरी का नाम भी स्पीकर की रेस में खूब चला. डी पुरंदेश्वरी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के संस्थापक और दिग्गज नेता रहे एनटी रामाराव की बेटी और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू की साली हैं. उनकी उम्र 64 साल है. वर्तमान में वह आंध्र प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष हैं. 1996 में एनटी रामाराव के तख्तापलट के समय पुरंदेश्वरी ने चंद्रबाबू नायडू का समर्थन किया था. उस वक्त वह काफी चर्चा में रही थीं.

लोकसभा चुनाव के बाद जब यह चर्चा थी कि टीडीपी लोकसभा स्पीकर पद अपने पास चाहती है. तो उस समय डी पुरंदेश्वरी के नाम की स्पीकर के पद के लिए खूब चर्चा हुई थी. उनको नायडू की काट के तौर पर देखा जा रहा था. उनका नाम अभी भी स्पीकर की रेस में चल रहा था. उनका कहना था कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी. उसे वह संभालेंगी. लेकिन अब लोकसभा के नए अध्यक्ष का नाम फाइनल हो गया है. पिछली बार लोकसभा की जिम्मेदारी संभालने वाले ओम बिरला ही इस बार भी लोकसभा अध्यक्ष होंगे.

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