लालकुआं में दुखद घटना: पति की मौत के 24 घंटे के भीतर सदमे में पत्नी ने भी त्यागे प्राण, पूरे गाँव में शोक की लहर
लालकुआं: बिंदुखत्ता के पुरानाखत्ता निवासी एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, जहाँ कैंसर से पीड़ित पति की मौत के 24 घंटे के भीतर ही सदमे में पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। माता-पिता दोनों को एक साथ खोने से पूरा परिवार स्तब्ध है और पूरे गाँव में शोक की लहर व्याप्त है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पशुपालक और बिंदुखत्ता की बसासत के दौरान कागजी रूप से मजबूत गोविंद सिंह बोरा (72 वर्ष) कैंसर से पीड़ित थे। भैंसों की चराई, पशुपालन और दुग्ध व्यवसाय के उनके पुराने कागजात आज भी बिंदुखत्ता राजस्व गाँव के संघर्ष को एक बल प्रदान करते हैं। गोविंद सिंह बोरा का देश के विभिन्न अस्पतालों में लंबे समय तक उपचार चला, लेकिन अंततः 8 जून की शाम को उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।
गोविंद सिंह बोरा की मौत पर उनके तीनों बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था। ऐसे में, गोविंद सिंह बोरा की धर्मपत्नी दुर्गा देवी (64 वर्ष) ने बच्चों और परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा था कि आज से वह माँ के साथ-साथ उनके पिता के रूप में भी हैं। उन्होंने बच्चों को दिलासा देते हुए समझाया था कि पिताजी अत्यंत कष्ट में थे और ईश्वर ने उनको मुक्ति प्रदान की है, इसलिए वे अधिक शोक न करें।
गोविंद सिंह बोरा का अंतिम संस्कार हुआ, और इसके ठीक 24 घंटे बाद, 9 जून की देर रात दुर्गा देवी ने भी सदमे में दम तोड़ दिया। उनके पुत्र कार्तिक बोरा, जो कि उत्तराखंड पुलिस में सेवारत हैं, का एक माह पूर्व ही विवाह हुआ है। गोविंद सिंह बोरा और दुर्गा देवी अपने पीछे पुत्र कार्तिक, दो विवाहित बेटियों और नवविवाहिता बहू सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
मंगलवार की सुबह अत्यंत गमगीन माहौल में दुर्गा देवी का भी चित्राशिला घाट रानीबाग में अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह बिष्ट, मदन सिंह बोरा, नगर पंचायत लालकुआं के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह लोटनी, वरिष्ठ भाजपा नेता भरत नेगी, रंजीत बोरा, अमित बोरा, विपिन बोरा, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरेंद्र सिंह बोरा, हेमवतीनंदन दुर्गापाल, व्यापार मंडल अध्यक्ष दीवान सिंह बिष्ट, धन सिंह बिष्ट, पुष्कर दानू सहित भारी संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद थे।
24 घंटे के भीतर पति-पत्नी की मौत से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त है। उनके रिश्तेदार भी अत्यंत दुखी हैं, क्योंकि एक माह पूर्व ही दुर्गा देवी ने अपने बेटे की धूमधाम के साथ शादी की थी। दुर्गा देवी पति की देखभाल के साथ-साथ पूरे परिवार की जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन कर रही थीं। उनकी मौत से परिवार को गहरा धक्का लगा है।
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