सिलक्यारा टनल से बचाए गए पिंकू की मां बोली- बेटे को प्यार से चूमूंगी, नए कपड़े पहनाऊंगी

खबर शेयर करें -

उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल से जब मजदूरों का निकलना शुरू हुआ तो उनके परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. झारखंड के डुमरिया शहर में रहने वाले पिंकू सरदार के माता-पिता बेटे के बाहर आने से बेहद खुश हैं.

पिंकू मैट्रिक पास करने के बाद पिता के कैंसर के इलाज के लिए पैसे जुटाने के लिए काम करने गया था.

पिंकू की मां हीरा सरदार कहती हैं कि वह अपने बेटे का स्वागत नए कपड़े पहनाकर करेगी और उसे खूब प्यार से चूमेगी. वह कभी भी अपने बेटे को अब बाहर काम पर जाने नहीं देगी. पिंकू का भाई भी पिता की सेवा के लिए घर में पास ड्राइवर का काम करता है. वह भी भाई के मौत के मुंह से निकलने पर काफी खुश हैं.

यह भी पढ़ें 👉  अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प का दावा-भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम को तैयार

बेटे के टनल से निलकर माता-पिता का खुशी का ठिकाना नहीं रहा

वहीं मानिकपुर सहित अन्य पांच मजदूरों गांव में भी खुशी की लहर है. इस गांव से 6 युवा वहां काम करने गए हैं, जिसमें 3 टनल में फंस गए थे. जबकि कुछ डर से काम छोड़कर बिना वेतन लिए भाग कर अपने घर आ गए. सिल्क्यारा टनल में फंसे सभी मजदूरों को 60 मीटर की एक 800 MM की पाइप के जरिए निकाला गया.

यह भी पढ़ें 👉  सीजफायर के बाद रेलवे ने बदला अपना फैसला,लालकुआं, अमृतसर, जम्मू और काठगोदाम के बीच चलने वाली महत्वपूर्ण ट्रेनों का निरस्तीकरण किया रद्द 

एनडीआरएफ की टीमों ने सभी मजदूरों को स्ट्रेचर और रस्सी की मदद से पाइप के जरिए बाहर निकाला है. सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव अभियान अब से लगभग 17 दिन पहले शुरू हुआ था, जो अब जाकर खत्म हुआ.

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में आज फिर बदल सकता हे मौसम का मिजाज, कई जिलों में बारिश होने की संभावना

सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया

बता दें, रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF, SDRF, बीआरओ, आरवीएनएल, एसजेवीएनएल, ओएनजीसी, आईटीबीपी, एनएचएआईडीसीएल, टीएचडीसी, उत्तराखंड राज्य शासन, जिला प्रशासन, भारतीय थल और वायुसेना के अलावा अन्य संगठनों के अधिकारियों और कर्मचारियों की अहम भूमिका रही.

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad