डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित बच्चे की घर में आकर लौट आइ सांसे

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हरियाणा : बहादुरगढ़ में एक बच्चे को डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद जब उसके अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी उसी दौरान बच्चा अचानक सांसें लेने लगा.  बच्चे को सांस लेता देखकर आननफानन में उसके माता-पिता अस्पताल लेकर पहुंचे जिसके बाद उसकी जिंदगी बच गई।
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मौत को मात देकर, जिंदा होने वाले सात साल के इस मासूम का परिवार बहादुरगढ़ के किला मुहल्ला का रहने वाला है। परिवार के मुखिया विजय कुमार शर्मा, राजू टेलर के नाम से मेन बाजार में कपड़ा सिलाई की दुकान चलाते हैं। उनका बेटा है हितेष भी इसी कपड़े की दुकान पर काम करता है। मौत को मात देने वाला बच्चा, हितेष का पुत्र कुनाल है। पिछले महीने कुनाल को बुखार आ गया था। जांच में टाइफायड पाॅजिटिव आया। दवा दिलाई मगर ठीक नहीं हुआ। 25 मई को कुनाल को दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया। मगर हालत लगातार बिगड़ती चली गई। आखिर में उसकी सांस लगभग थम चुकी थी। डाक्टरों ने परिवार को बोला कि कुनाल को वेंटीलेटर पर रखना पड़ेगा, मगर कोई उम्मीद नहीं है। परिवार की भी आंखे भर आई थीं। बच्चे को मृत मानकर परिवार घर ले आया।
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इसके बाद आगे जो हुआ, वह परिवार के मुखिया विजय कुमार से खुद जानिए – ‘हम अस्पताल से घर लौटे ही थे। मेरे पास हितेष का फोन आया कि कुनाल की जिंदगी आधे घंटे की बची है। हम हड़बड़ा गए। फिर आधे घंटे बाद फोन पर हितेष ने कहा कुनाल नहीं रहा। परिवार में चीख पुकार मच गई। देर शाम का वक्त था। हमने बर्फ का इंतजाम करना शुरू किया, क्योंकि रात भर मृत देह को बिना बर्फ कैसे रखते। मुहल्ले के लोग आ गए। मेरे एक रिश्तेदार का फोन आया कि इस वक्त बहादुरगढ़ के राम बाग श्मशान घाट में बच्चे का अंतिम संस्कार (दफनाने की क्रिया) हो सकेगा क्या। अगर वहां नही होगा तो दिल्ली में ही करना पड़ेगा। रात भर घर में रखने से पूरा परिवार और ज्यादा दुखी होगा।’
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दादी की जिद से ऐसे मिली नई जिंदगी

विजय कुमार बताते हैं, ‘कुनाल को दिल्ली में दफनाने पर विचार हो रहा था, मगर बच्चे की दादी यानी मेरी पत्नी आशा रानी ने कहा कि मुझे अपने पौते का मुंह देखना है। उसे घर ले आओ। लिहाजा हम उसे एंबुलेंस से घर लेकर आ गए। जब एंबुलेंस से कुनाल को मेरे बड़े बेटे की पत्नी अन्नु शर्मा ने उठाया तो उसे कुछ धड़कन महसूस हुई। उसके इतना कहते ही हमने बच्चे को फर्श पर लिटाया और उसको मुंह से सांस देनी शुरू कर दी। मैंने और मेरे दोनों बेटों ने उसको खूब जोर-जोर से सांस दी। इतने में कुनाल के शरीर में हलचल शुरू हो गई। उसके दांत से हितेष का होंठ भी कट गया। खून निकल आया, लेकिन जैसे ही कुनाल के शरीर में हलचल हुई घर पर जमा लोगों ने भी जयकारे लगाने शुरू कर दिए। वहां मौजूद लोगों के आश्चर्य और खुशी का ठिकाना नहीं था।

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