उत्तराखंड पंचायत चुनाव: 12 जिलों में 3,000 से अधिक आपत्तियों का निस्तारण, आज जारी होगी अंतिम आरक्षण सूची

खबर शेयर करें -

देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर जारी आरक्षण प्रस्तावों पर ग्रामीणों की ओर से 3,000 से अधिक आपत्तियां प्राप्त हुई थीं, जिनका देर रात तक निस्तारण किया गया। इन 12 जिलों में हरिद्वार को छोड़कर बाकी सभी जगहों पर आगामी माह पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं।

आज, 18 जून को इन आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा, जिसके बाद ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों में सीटों के आरक्षण की स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी। इससे यह तय हो जाएगा कि कौन से पद अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रहेंगे, या फिर सामान्य या महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ सकेंगे। यह अंतिम सूची कल, 19 जून को पंचायत निदेशालय और निदेशालय से शासन को उपलब्ध कराई जाएगी।

यह भी पढ़ें 👉  15 साल की नाबालिग हुई गर्भवती, 17 वर्षीय किशोर पर दुष्कर्म का आरोप, बाल सुधार गृह भेजा गया

जिलेवार आपत्तियों का विवरण:

विभिन्न जिलों से प्राप्त आपत्तियों की संख्या इस प्रकार है:

  • देहरादून: लगभग 302 आपत्तियां
  • अल्मोड़ा: 294 आपत्तियां
  • पिथौरागढ़: 277 आपत्तियां
  • चंपावत: 337 आपत्तियां
  • पौड़ी: 354 आपत्तियां
  • रुद्रप्रयाग: 90 आपत्तियां
  • चमोली: 213 आपत्तियां
  • उत्तरकाशी: 383 आपत्तियां
  • टिहरी: लगभग 297 आपत्तियां
यह भी पढ़ें 👉  लालकुआं: वरिष्ठ समाजसेवी और किराना व्यवसायी हरीश मदान का हृदय गति रुकने से निधन, क्षेत्र में शोक की लहर

किस तरह की थीं आपत्तियां?

पंचायत चुनाव में आरक्षण प्रस्तावों पर ग्रामीणों द्वारा विभिन्न प्रकार की आपत्तियां उठाई गई थीं। कुछ ग्रामीणों का कहना था कि उनकी ग्राम पंचायत अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, जिसे सामान्य श्रेणी में किया जाए। वहीं, कुछ अन्य आपत्तियाँ ऐसी भी थीं जिनमें सामान्य सीटों के स्थान पर ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायत के पदों को एससी, एसटी या ओबीसी के लिए आरक्षित करने की मांग की गई थी।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड-यूपी सीमा पर महिला बाइकर से शर्मनाक छेड़छाड़: वीडियो वायरल होते ही 3 गिरफ्तार, 2 फरार

आरक्षण की अंतिम सूची के प्रकाशन के साथ ही अब चुनाव प्रक्रिया के आगे बढ़ने का रास्ता साफ हो जाएगा, और जल्द ही अधिसूचना भी जारी होने की उम्मीद है।

क्या आप जानना चाहेंगे कि आरक्षण के ये नियम किस आधार पर तय किए जाते हैं?