जिस हॉस्टल में घुसा विमान, वहां लड़के ने दूसरी मंजिल से कूद कर बचाई जान; जानें क्या बोले चश्मदीद

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अहमदाबाद में गुरुवार को एयर इंडिया का विमान क्रैश हो गया। यह यात्री विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के चंद सेकेंड्स बाद ही मेघाणीनगर में गिरकर आग के गोले में बदल गया।

देश-दुनिया के बड़े नेताओं ने इस घटना को लेकर शोक जताया है और मृतकों के परिजनों के प्रति शोक प्रकट किया है। इस बीच हादसे को लेकर चश्मदीदों के बयान आए हैं। साथ ही वे लोग भी सामने आए हैं, जिन्होंने इस हादसे में अपने करीबियों को खो दिया।

घटना पर क्या बोले चश्मदीद?
एयर इंडिया विमान क्रैश के एक चश्मदीद ने बताया- “मैं तब घर पर ही था, जब हमने एक जबरदस्त आवाज सुनी। जब हम बाहर निकले तो हवा में धुएं का जबरदस्त गुबार देखा। जब हम यहां आए तो हर तरफ लाशें और क्रैश हुए प्लेन का मलबा ही बिखरा दिखाई दिया।”

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दूसरी तरफ अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के बाहर इस घटना के बाद भारी भीड़ जुटी दिखाई दी। रमीला नाम की एक महिला ने बताया कि उनका बेटा जब हॉस्टल में खाना खाने गया था, तभी यह विमान क्रैश हुआ। उन्होंने कहा, “मेरा बेटा सुरक्षित है और मेरी उससे बात हुई है। उसने दूसरी मंजिल से कूद कर अपनी जान बचाई। इसलिए उसे कुछ चोटें आई हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने दावा किया कि जिस जगह प्लेन क्रैश हुआ, वहां से उसका दफ्तर 200 मीटर दूर है। उसने बताया कि जैसे ही मैं बाहर निकला, एक तेज आवाज आई और पूरा इलाका धुएं से भर गया। एक सन्नाटा छा गया और फिर हमने देखा कि बड़ी दुर्घटना हुई है। शख्स ने कहा कि हम जैसे ही घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां काफी मलबा फैला देखा। इलाके में आग और धुआं ही धुआं था। कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। तब हमें पता चला कि विमान के पंख इधर-उधर पड़े हैं और एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया है। हमें हताहतों की जानकारी नहीं है, लेकिन यहां एक बिल्डिंग है, जहां डॉक्टर रहते हैं।

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इस बीच अस्पताल के बाहर ऐसे भी कई लोग दिखे जो आंखों में आंसू लिए अपने परिजनों को ढूंढ रहे थे। इनमें एक व्यक्ति अस्पताल के बाहर रो पड़ा और अधिकारियों से उसे अंदर जाने देने की विनती करने लगा।

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दूसरी तरफ एक और व्यक्ति ने कहा, “मेरी बहन और बहनोई अस्पताल के अंदर हैं, लेकिन हमें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा। वे लंदन जा रहे थे। मेरी भांजी लंदन में है। वे उसी को देखने जा रहे थे। भांजी ने मुझे फोन कर बताया कि उसके माता-पिता उसी फ्लाइट में हैं, जो दुर्घटनाग्रस्त हुई। इसलिए मैं जल्दी से यहां आया हूं।”