उत्तराखंड को टीबी मुक्त बनाने के लिए धामी सरकार का बड़ा अभियान: तीन सबसे पहले टीबी मुक्त जिलों को मिलेगा पुरस्कार

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देहरादून: उत्तराखंड में तपेदिक (टीबी) के मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीर संज्ञान लिया है। एबीपी लाइव सहित विभिन्न मीडिया संस्थानों द्वारा इस मुद्दे को उठाने के बाद, मुख्यमंत्री ने राज्य को टीबी मुक्त बनाने के लिए एक बड़ा अभियान छेड़ने का ऐलान किया है।

मुख्यमंत्री धामी का निर्देश और प्रोत्साहन:

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने जिलों को टीबी मुक्त बनाने के लिए पूरी ताकत से जुटें। इस अभियान को गति देने और जिलों को प्रेरित करने के लिए, मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि जो तीन जिले सबसे पहले टीबी मुक्त घोषित होंगे, उन्हें विशेष रूप से पुरस्कृत किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने इस बीमारी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि प्रदेश को जल्द से जल्द टीबी मुक्त किया जाए।

टीबी मुक्त उत्तराखंड की चुनौती:

उत्तराखंड में टीबी को खत्म करने के लिए पहले से ही कई अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। धामी सरकार अब इन मामलों को लेकर बेहद गंभीर है। मुख्यमंत्री धामी ने इस बीमारी को सीधे तौर पर ‘लड़ाई’ लड़ने की बात की है, क्योंकि यह एक ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे इंसान को कमजोर करती है। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग भी इस बीमारी को खत्म करने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है, लेकिन बढ़ते मरीजों की संख्या विभाग के लिए भी चिंता का विषय बनी हुई है।

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मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से आह्वान किया है कि वे इस बीमारी से लड़ने और इसे जड़ से खत्म करने के लिए पूरी ताकत लगा दें। अधिकारियों का भी मानना है कि इस बीमारी को खत्म करने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाना होगा।

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इस पहल से उम्मीद है कि राज्य में टीबी के मामलों में कमी आएगी और उत्तराखंड एक स्वस्थ राज्य की दिशा में आगे बढ़ेगा।


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