गैरसैंण: उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र, जो मंगलवार से गैरसैंण में शुरू हुआ था, विपक्ष के हंगामे के कारण दूसरे दिन ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। हालांकि, इस हंगामे के बीच सरकार ने 5,315 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट और 9 महत्वपूर्ण विधेयक पारित कर दिए।
हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही
सत्र के पहले दिन, कांग्रेस विधायकों ने पंचायत चुनावों में कथित धांधली और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया। उन्होंने विधानसभा सचिव की टेबल पलटने की कोशिश की, माइक उखाड़े और कागज फाड़कर हवा में उछाले, जिसके कारण सदन को कई बार स्थगित करना पड़ा। विरोध में, विपक्षी विधायकों ने पूरी रात विधानसभा के भीतर ही धरना दिया।
पारित विधेयकों में क्या है खास?
सरकार ने विपक्ष के हंगामे के बीच इन प्रमुख विधेयकों को पारित किया है:
- उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025: अब तक केवल मुस्लिम समुदाय को मिलने वाले अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान के दर्जे का लाभ सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी समुदायों को भी मिलेगा।
- उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2025: इस विधेयक के तहत धर्मांतरण विरोधी कानून को और सख्त किया गया है और अब डिजिटल माध्यम से धर्म परिवर्तन कराने पर भी सजा का प्रावधान है।
- समान नागरिक संहिता (संशोधन) विधेयक 2025: इसमें दो नई धाराएं जोड़ी गई हैं। पहली, अगर कोई शादीशुदा व्यक्ति धोखे से लिव-इन रिलेशनशिप में रहता है तो उसे 7 साल तक की सजा हो सकती है। दूसरी, बल या धोखाधड़ी से लिव-इन संबंध स्थापित करने पर भी 7 साल की जेल होगी।
- पंचायती राज (संशोधन) विधेयक 2025: अब पंचायत चुनाव में वे लोग भी चुनाव लड़ सकते हैं, जिनकी पहली संतान के बाद दूसरी संतान जुड़वां हुई हो।
- बीकेटीसी (संशोधन) विधेयक: बदरी-केदार मंदिर समिति में अब एक की जगह दो उपाध्यक्ष होंगे।



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