उत्तराखंड : रोक-टोक से परेशान कलयुगी बेटे ने शूटरों को बुलाकर कराया पिता का मर्डर

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रूडकी/हरिद्वार : 27 दिसंबर को अज्ञात बदमाशों ने पनियाला रोड स्थित आवास में बनाए गए ऑफिस में गोली मारकर एक प्रॉपर्टी डीलर की हत्या कर दी है।  घटना को एक चैलेंज के रूप में लेते हुए कोतवाली गंगनहर व सीआईयू रुड़की/हरिद्वार की सयुंक्त टीमें गठित की गई।

गठित की गई पुलिस टीम द्वारा प्रारंभिक जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि संपन्न गुर्जर परिवार से ताल्लुक रखने वाले करोड़ों की संपत्ति के मालिक व पेशे से प्रॉपर्टी,कंस्ट्रक्शन का काम करने वाले पनियाला निवासी मृतक जोगिंदर 27 तारीख को रात्रि घर का मुख्य गेट बंद कर अपने ऑफिस में बैठे हुए थे। इसी बीच तीन अज्ञात बदमाशों ने सड़क पर अपनी मोटरसाइकिल खड़ी की और एक बदमाश ने दीवार फांदकर अंदर से मुख्य गेट खोलकर तीनों बदमाशों ने ऑफिस में घुसकर अकेले बैठे जोगिंदर पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी जिससे जोगिंदर की मौके पर ही मृत्यु हो गई। घटना करने के बाद बदमाश तुरंत गेट से बाहर निकले और मोटरसाइकिल में बैठकर फरार हो गए।

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जानकारियां इकट्ठा करने पर प्रकाश में आया कि मृतक का बेटा अनुराग नशा करने का आदी है जिसका आपराधिक किस्म के लोगों से मिलना-जुलना भी है। इसके अतिरिक्त अनुराग अपने पिता के कहने सुनने में भी न होने की बात भी सामने आयी।

शुरुआती कई एंगल पर काम करते हुए जब कोई सफलता हासिल नहीं हुई तब विवेचना का एंगल बदलते हुए टीम ने गहनता के साथ मृतक के पुत्र अनुराग के आपराधिक प्रवृत्ति वाले सभी दोस्तों की कई माध्यमों से जानकार प्राप्त पर प्रकाश में आए प्रिंस खटाना नामक संदिग्ध की जानकारी की तो पता चला कि उक्त संदिग्ध व अनुराग आपस में गहरे परिचित हैं साथ ही ये भी पता लगा कि घटना के दिन प्रिंस खटाना नोएडा से हरिद्वार आया था।

इस पर पुलिस टीम ने हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो प्रिंस खटाना ने अनुराग के कहने पर जोगिंदर की हत्या कराने की बात स्वीकार की। पुलिस टीम ने प्रिंस खटाना की निशांदेही पर घटना में सम्मिलित तीनों शूटरों को नोएडा क्षेत्र से दबोचा एवं घटना के लिए मोटरसाइकिल उपलब्ध कराने के आरोपी अंशुल को दबोचकर घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल भी बरामद की गई। टेक्निकल एविडेंस एवं घटना में प्रकाश में आये सभी तथ्यों के आधार पर बारीकी से पूछताछ की गई तो षडयंत्र के मुख्य आरोपी अनुराग के पास पुलिस के अकाट्य सबूतों का कोई जवाब नहीं था। अनुराग ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए अपने पिता की हत्या करने की बात कबूली।

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हत्या का कारण

पिछले करीब चार-पांच सालों से अनुराग की कई ऐसे लड़कों से दोस्ती थी जो नशे के आदी थे। अक्सर घर से बाहर रहने के कारण दोस्तों के खर्च भी अनुराग को ही उठाने पड़ते थे, जिस कारण उसने कई बार घर से पैसा भी चोरी किया। नशे की आदतों व यारी दोस्ती की जानकारी होने पर अनुराग के पिता जोगिंदर ने उससे मारपीट कर कई बार उसे घर में ही बंद करने लगे लेकिन अनुराग की आदतों में कोई सुधार नही हुआ। बार-बार की रोक-टोक बंद कराने का प्लान बना रहे अनुराग की मुलाकात आपराधिक किस्म के लड़के प्रिंस खटाना से हुई।

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अनुराग ने प्रिंस खटाना को कहा कि यदि मेरे पिता के हत्या हो गई तो सारी प्रॉपर्टी मेरे पास आ जाएगी और उस प्रॉपर्टी से मैं तुम्हें लगातार कुछ न कुछ पैसे देता रहूंगा तुम्हें कभी पैसों की कमी नहीं रहेगी। जिस पर प्रिंस खटाना ने डील स्वीकार कर शूटरों की व्यवस्था होते ही कुछ ही दिनों में अनुराग के पिता की हत्या करवाने का आश्वासन दिया। प्रिंस खटाना ने घटना से कुछ दिन पहले कृष्णा नगर आकर घर की रैकी की और तय योजना के अनुसार 27 तारीख को शूटर्स ने अकेले बैठे जोगिंदर को गोली मार दी।