उत्तराखंड में मानसून का इंतजार: पहाड़ों पर प्री-मानसून बौछारें जारी, मैदानों में उमस बरकरार

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देहरादून: उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक बादलों का डेरा है, और पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बारिश का सिलसिला जारी है। हालांकि, राज्य में मानसून के अभी कुछ दिनों तक दस्तक देने के आसार नहीं दिख रहे हैं। आमतौर पर, केरल में मानसून पहुंचने के लगभग 20 दिनों के भीतर यह उत्तराखंड पहुँच जाता है, लेकिन इस बार इसमें अधिक समय लग रहा है।

हालांकि, देहरादून में मानसून के पहुंचने का सामान्य समय 20 जून के आसपास माना जाता है, और उम्मीद है कि अगले एक सप्ताह में यह उत्तराखंड पहुंच सकता है। फिलहाल, चक्रवाती परिसंचरण के कारण उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में प्री-मानसून बौछारों का दौर जारी रहने की संभावना है।

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मानसून की देरी और मौजूदा स्थिति

इस वर्ष मानसून 24 मई को ही केरल पहुँच गया था, जबकि सामान्यतः इसके 1 जून के आसपास केरल पहुंचने की उम्मीद होती है। इस हिसाब से, उत्तराखंड में मानसून को 14 जून के आसपास पहुँच जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक इसके कोई ठोस संकेत नहीं मिले हैं। मानसून इस समय महाराष्ट्र और आसपास के राज्यों में ही सक्रिय हो पाया है।

मौसम विज्ञानी रोहित थपलियाल के अनुसार, अगले कुछ दिनों में मानसून के बंगाल और बिहार पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद उत्तराखंड पहुंचने में इसे अधिक समय नहीं लगेगा। हालांकि, मानसून पहुंचने का सटीक आकलन अभी संभव नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि मानसून आने से पहले होने वाली प्री-मानसून शावर (बौछारें) भी तेज होने की आशंका है।

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पर्वतीय जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में आंशिक बादल छाए हुए हैं और कहीं-कहीं हल्की बारिश भी दर्ज की जा रही है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में धूप खिली हुई है और लोग उमस से बेहाल हैं। देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में भी कहीं-कहीं आंशिक बादल मंडरा रहे हैं।

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मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला रह सकता है। नैनीताल, चंपावत, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने और भारी वर्षा को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को इन क्षेत्रों में सतर्क रहने की सलाह दी गई है।


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