राजस्थान में कौन बनेगा मुख्यमंत्री? सीएम की रेस में शामिल हैं यह 6 बड़े चेहरे

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राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में बंपर जीत के बाद अब आलाकमान प्रदेश में मुख्यमंत्री तय करने में जुटा है। भाजपा आलाकमान की नजर लोकसभा चुनाव पर भी है।

ऐसे में आलाकमान ऐसे चेहरे पर दांव खेलना चाहता है जो पार्टी के पिछले 2 चुनाव के प्रदर्शन को बरकरार रख सके। ऐसे में कई चेहरे ऐसे हैं जो इस बार सीएम पद के दावेदार हैं। हालांकि इनमें से किसके चेहरे पर अंतिम मोहर लगती है यह तो देखने वाली बात होगी। अभी तक पार्टी ने पर्यवेक्षकों का ऐलान नहीं किया है।

उम्मीद की जा रही है कि आज पर्यवेक्षकों के नामों का ऐलान हो सकता है। चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच सिर्फ 3 प्रतिशत मतों का अंतर है। भाजपा इस अंतर को बढ़ाना चाहत है इसलिए उसे किसी करिश्माई नेता की जरूरत है जो लोकसभा चुनाव में इस बढ़त को और ज्यादा कर सके। आइये जानते हैं राजस्थान में सीएम पद के संभावित चेहरे।

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1. वसुंधरा राजे- राजस्थान में सीएम की सबसे बड़ी दावेदार पूर्व सीएम वसुंधरा राजे हैं। वसुंधरा 2 बार प्रदेश की सीएम रह चुकी है। पार्टी आलाकमान इस बार उनके नाम पर सहमत नहीं था। इसलिए चुनाव से पहले उनके नाम पर मुहर नहीं लगी। पार्टी की यह रणनीति है कि अब सीनियर नेताओं को केंद्र में एडजस्ट कर प्रदेश में नई लीडरशिप को बढ़ावा मिलना चाहिए। ऐसे में अगर कोई मजबूत चेहरा सामने नहीं आता है तो पार्टी एक बार फिर उन्हें सीएम बना सकती है।

2. ओम माथुर- राजस्थान में सीएम के बड़े दावेदार के तौर पर ओम माथुर का नाम भी सबसे आगे हैं। वे पीएम मोदी और अमित शाह के सबसे करीबी नेताओं में से एक हैं। इसके अलावा यूपी, गुजरात, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों के प्रभारी रहे हैं। फिलहाल छत्तीसगढ़ में उनकी देखरेख में ही पार्टी ने एक बार फिर बहुमत हासिल किया है।

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3. दीया कुमारी- प्रदेश में तीसरा बड़ा नाम दीया कुमारी का हैं। जयपुर के पूर्व राजपरिवार की राजकुमारी और 1 बार की सांसद 2 बार की एमएलए दीया कुमारी का नाम भी पिछले काफी दिनों से चर्चा में हैं। देखना यह है कि पार्टी उनके नाम पर एकमत हो पाती है या नहीं।

4. ओम बिड़ला- लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला भी सबको साथ लेकर चलने वाले नेता हैं। इसके अलावा वे पीएम के भी करीबी हैं। भाजपा में उनकी अच्छी छवि भी है।

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5. बाबा बालकनाथ- तिजारा से पहली बार एमएलए बने अलवर के सांसद बाबा बालकनाथ का नाम भी सबसे आगे चल रहा हैं। बालकनाथ को प्रदेश में हिंदुत्व के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट किया जा सकता है। ऐसे में उनकी संभावनाएं भी काफी हद तक ज्यादा है।

6. किरोडीलाल मीणा- राज्यसभा सांसद प्रदेश में पहले कई बार मंत्री और विधायक रह चुके हैं। भाजपा ने इनको कुछ दिनों पहले ही सांसद बनाया था। पिछले 5 साल से उन्होंने गहलोत सरकार के खिलाफ जमकर अभियान चलाया था और सड़कों पर धरने प्रदर्शन के जरिये माहौल बनाने की कोशिश की।

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