असली व नकली शराब की पहचान बताएगा मोबाइल एप

अगले वित्तीय वर्ष में लागू होगा आबकारी विभाग का नया प्रयोग

खबर शेयर करें -

हल्द्वानी : अवैध व नकली शराब की तस्करी रोकने के लिए आबकारी विभाग नया प्रयोग करने जा रहा है। जिसके तहत नई आबकारी नीति में शराब की बोतलों से लेकर पव्वे में हाइटेक सिक्योरिटी सिस्टम लगाने की योजना बनाई जा रही है। ट्रेक एंड ट्रेस सिस्टम नाम से जारी इस योजना से शराब की बोतल में लगे होलोग्राम से ही शराब की कंपनी से संबंधित सभी जानकारी मिल जाएगी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में नकली व अवैध शराब की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसके अलावा ब्रांडेड शराब की बिक्री को रोकना भी पुलिस के लिए चुनौती से कम नहीं है। कई बार पुलिस ब्रांडेड शराब को पकड़ भी लेती है लेकिन वह कहा से आई है इसका पता नहीं चल पाता है। जिस को संज्ञान में लेते हुए आबकारी विभाग एक नया प्रयोग करने जा रही है। जिसे आबकारी विभाग द्वारा ट्रेक एंड ट्रेस सिस्टम का नाम दिया गया है। जिसके तहत बोतल से लेकर पव्वे के ढक्कन में लगे होलोग्राम में एक क्यूआर कोड बना रहेगा। जिसे स्कैन करने के लिए मोबाइल एप लॉन्च किया जाएगा। मोबाइल एप से क्यूआर कोड को स्कैन करते ही शराब की बोतल से संबंधित समस्त जानकारियां मिल जाएंगे। बोतल किस कंपनी की है। कब बनी है, कब मार्केट में आई है। और कब बिक्री हुई है। ऐसी सारी जानकारी एप में मिल जाएगी।
आबकारी विभाग के इस नए प्रयोग से शराब तस्करी पर भी लगाम लगेगी। अवैध शराब पकड़े जाने पर उसके क्यूआर कोड चाहिए पता चल जाएगा कि शराब किस दुकान से या किस एफएल टू गोदाम से आई है।
जिससे शराब को तस्करों को बेचने वाले कारोबारी का भी पता चल जाएगा।