हर दिन 4 घंटे पढ़ा, सोशल मीडिया से बनाई दूरी, तब जाकर 10वीं में 500 में से 500 नंबर लाई प्रियांशी रावत

खबर शेयर करें -

उत्तराखंड बोर्ड का दसवीं का रिजल्ट आ गया है. बेरीनाग की रहने वाली प्रियांशी रावत ने इस साल दसवीं की परीक्षा में टॉप किया है.

उन्होंने दसवीं में 500 में से 500 अंक हासिल किए हैं. पूरे प्रदेश भर से प्रियांशी रावत को बधाइयां मिल रही हैं. प्रियांशी रावत का कहना है कि उन्हें दसवीं में प्रदेश टॉप करने पर बेहद खुशी हो रही है. दोस्तों, परिवारजनों और क्षेत्रवासियों के फोन आ रहे हैं और सब लोग बधाई दे रहे हैं. प्रियांशी रावत कहती हैं ‘मैंने पढ़ाई का बिल्कुल भी प्रेशर नहीं लिया और लगातार मन लगाकर पढ़ा. परिवार के सभी सदस्यों और स्कूल के सभी शिक्षकों का मुझे भरपूर सहयोग मिला.’

प्रियांशी कहती हैं ‘पढ़ाई को लेकर मुझे शिक्षकों से लेकर परिवारजनों तक सबने गाइड किया. सबसे ज्यादा मम्मी रजनी रावत ने गाइड किया. वह खुद भी शिक्षक हैं और उन्होंने मेरी पढ़ाई में सबसे अहम रोल प्ले किया.’ प्रियांशी बताती हैं कि उन्होंने बचपन से ही सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी. जब नौवीं कक्षा में थी तब एक बार उनके मन में ब्लॉगिंग का ख्याल आया था लेकिन शर्मिला स्वभाव होने के कारण वो ऐसा नहीं कर पाईं.

व्हॉट्सएप से पता चला रिजल्ट, नहीं खुल रही थी शिक्षा विभाग की साइट

प्रियांशी कहती हैं कि जैसे ही उनको पता चला कि उनके 500 में से 500 नंबर आए हैं तो वह शॉक हो गईं. उनको खुद यकीन नहीं हो रहा था. मंगलवार को जब उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट आया तो वो भी अन्य विद्यार्थियों की तरह शिक्षा विभाग की साइट खोलकर रिजल्ट देखना चाह रही थी, लेकिन साइट नहीं खुल रही थी. तभी उनकी मम्मी को व्हॉट्सएप पर बेटी के टॉप होने की खबर मिली और उनकी फोटो आई, जिसे देखकर मां और बेटी दोनों ही शॉक हो गईं. इसके बाद लोगों के कॉल आने लगे और उनको बधाइयां मिलने लगीं.

मां और चाचा ने किया गाइड, हर दिन चार घंटे पढ़ती थी प्रियांशी

प्रियांशी रावत के पिता राजेश रावत का कहना है कि बेटी के दसवीं की परीक्षा में टॉप करने पर पूरे इलाके से उनको बधाई मिल रही है. परिवार में खुशी का माहौल है. राजेश रावत कहते हैं, ‘बच्ची ने मेहनत की, उसे उसका फल मिला है और अच्छे नंबर आए हैं. घर-परिवार के साथ ही क्षेत्र का नाम रौशन हो गया है.’ प्रियांशी का एग्जाम सेंटर गंगोलीहाट था. वह साधना पब्लिक स्कूल बेरीनाग की छात्रा हैं. उनकी मां रजनी रावत भी इसी स्कूल में पढ़ाती है. पिता राजेश रावत कहते हैं ‘प्रियांशी ने पढ़ाई के लिए सोशल मीडिया से पूरी तरह से दूरी बनाई और हर दिन चार घंटे पढ़ा तब जाकर उसे उसका फल मिला.’ राजेश रावत बताते हैं कि उनकी बेटी प्रियांशी को उनकी मां रजनी रावत और चाचा मनोज रावत ने गाइड किया. चाचा मनोज रावत भी शिक्षक हैं. राजेश रावत ने बताया कि उनकी बेटी ने सेल्फ स्टडी को तवज्जो दी और एग्जाम टाइम में ज्यादा तनाव नहीं लिया. टॉपिक बनाकर पढ़ाई की.