देहरादून: युवा कल्याण एवं नियोजन विभाग द्वारा तैयार की गई युवा नीति के ड्राफ्ट में इस प्रस्ताव को शामिल किया गया है। हालांकि मौजूदा ड्राफ्ट के कुछ बिंदुओं पर असहमति जताई गई है। इसलिए नीति को अंतिम रूप देने से पहले सीमांत और आपदा प्रभावित क्षेत्रों के साथ-साथ अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के युवक-युवतियों की राय जानने के निर्देश दिए गए हैं।
युवा कल्याण मंत्री आर्या ने मंगलवार को विधानसभा में युवा नीति के ड्राफ्ट पर बैठक की, जिसमें उन्होंने निर्देश दिया कि युवा नीति का अंतिम रूप 12 जनवरी तक तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इस नीति में 15 से 35 वर्ष की आयु के युवकों और युवतियों को शामिल किया जाना चाहिए। नियोजन विभाग द्वारा तैयार की गई इस यूथ पॉलिसी का उद्देश्य उत्तराखंड के सभी युवाओं के लिए लाभकारी होना है। विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने बैठक में पहाड़ी जिलों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं की समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रगति के लिए युवाओं की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए जरूरी है यूथ पॉलिसी
इस पॉलिसी के माध्यम से युवाओं को स्वावलंबी बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि यूथ पॉलिसी को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए यूथ आयोग की आवश्यकता महसूस हो रही है। 12 जनवरी को युवा दिवस पर इस पॉलिसी को उत्तराखंड में लॉन्च किया जाएगा। मंत्री रेखा आर्य ने युवाओं की समस्याओं और चुनौतियों को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि उनके अनुरूप योजनाएं तैयार की जा सकें। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वावलंबी बनाए बिना प्रदेश की प्रगति संभव नहीं है। इसके लिए यूथ पॉलिसी और यूथ आयोग के माध्यम से युवा-विशिष्ट योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
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