कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और थायराइड को ठीक कर सकती है काली मिर्च का सिर्फ एक दाना, एक्सपर्ट से जानिए सेवन करने का तरीका

खबर शेयर करें -

काली मिर्च एक मसाला है जिसमें तमाम तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आयुर्वेद में काली मिर्च को एक जड़ी बूटी के तौर पर देखा जाता है। काली मिर्च कई बीमारियों के उपचार में मददगार है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्षा भावसार के अनुसार, आयुर्वेद में काली मिर्च को मरीज के नाम से जाना जाता है यह एक तीखा मसाला है। यह गर्म प्रकृति का होता है पचने में आसान होता है और बात व कफ को संतुलित करता है।

आयुर्वेद के अनुसार काली मिर्च किन रोगों में फायदेमंद है?
काली मिर्च खांसी जुकाम को ठीक करती है
एनोरेक्सिया से राहत देता है
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है
जोड़ों और आंत की सूजन को कम करने में मददगार है
शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है
पाचन में सुधार करता है
मुख स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है
बंद नाक को खोलता है
ब्लड सरकुलेशन में सुधार करता है
मोटापा घटाने में मददगार है काली मिर्च
लीवर और हृदय के लिए बेहतर है
कोलेस्ट्रोल, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को मैनेज करता है
अल्जाइमर और अन्य मस्तिष्क को समस्याओं में मददगार है
डैंड्रफ और बालों के झड़ने की समस्या में उपयोगी है
कैंसर कोशिकाओं को रोकने और यहां तक कि उससे लड़ने में भी मददगार है

काली मिर्च का सेवन बीमारियों में कैसे करें?
डॉक्टर दीक्षा के अनुसार, बीमारियों की रोकथाम और स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए रोजाना सिर्फ 1 काली मिर्च काफी है।
काली मिर्च सुबह खाली पेट चूसा या चबाया जा सकता है (हार्मोनल बैलेंस, डायबिटीज, एमेनोरिया, पीरियड्स में देरी और अन्य सभी चीजों के लिए)।
इम्यून सिस्टम और श्वसन संबंधी समस्याओं के लिए 1 चम्मच हल्दी और शहद के साथ काली मिर्च लिया जा सकता है।
अच्छी नींद, रोग प्रतिरोधक क्षमता और गठिया (जोड़ों के दर्द से राहत) के लिए रात को सोते समय दूध में कालीमिर्च के साथ एक चुटकी सोंठ का चूर्ण मिलाकर ले सकते हैं।
इम्युनिटी और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए सोते समय 1 चम्मच देसी गाय के घी के साथ लिया जा सकता है।
काली मिर्च सेवन करने का सबसे आसान तरीका यह है कि खाना बनाते समय इसे केवल भोजन में शामिल किया जा सकता है