10 साल की बच्ची ने IPS अधिकारियों समेत 80 पुलिसवालों को बनाया चकरघिन्नी, खुलासा होने पर पकड़ लिया सिर

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गुजरात के राजकोट जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। एक बच्ची के अपहरण की सूचना पर आईपीएस अधिकारियों समेत करीब 80 पुलिस वाले पूरे दिन उसकी तलाश में जुटे रहे।

शाम को जब मामले का खुलासा हुआ तो सभी ने अपना सिर पकड़ लिया, क्योंकि महज 10 साल की बच्ची ने अपने ही अपहरण की कहानी गढ़ दी। इस कहानी के पीछे का कारण और भी हैरान कर देने वाला है।

बच्ची को लेकर पिता पहुंचा थाने

टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार सुबह एक 10 साल की बच्ची अपने पिता के साथ प्रद्युम्न नगर थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची। पिता ने बताया कि वह सुबह ट्यूशन क्लास के लिए गई थी, जहां रास्ते में एसयूवी कार सवार बदमाशों ने उसका अपहरण कर लिया। यह सुनते ही पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के होश उड़ गए।

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एक और बच्ची को कार वालों ने उठाया!

बच्ची ने पुलिस को बताया कि पोपटपारा इलाके में अपने घर से ट्यूशन जाते समय एक एसयूवी कार उसके पास आकर रुकी। अपहरणकर्ताओं ने उसे गाड़ी में बैठाया और रास्ते से एक अन्य लड़की को भी उठा लिया। बच्ची ने आगे बचाआ कि बाद में कार सवारों ने दूसरी लड़की को रेलवे पुल के नीचे छोड़ दिया और उसे लेकर रेलवे स्टेशन की ओर चले गए।

क्राइम ब्रांच और एसओजी भी लगाई गई

कहानी सुनने के बाद पुलिस तत्काल हरकत में आ गई। सूचना पर अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पूरे जिले में एक साथ संदिग्ध एसयूवी कार की तलाश में सर्च ऑपरेशन चला दिया। पुलिस ने कंट्रोल रूप से सभी थानों की पुलिस और थाना प्रभारियों को अलर्ट किया। एक साथ कई अधिकारियों समेत 80 पुलिस वाले सड़कों पर उतर कर तलाश में जुट गए। इतना ही नहीं, इस सर्च ऑपरेशन में क्राइम ब्रांच और एसओजी को भी लगाया गया।

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सीसीटीवी फुटेज में कुछ नहीं मिला

पुलिस उपायुक्त सुधीर कुमार देसाई ने मीडिया को बताया कि पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। घटना के बारे में और ज्यादा जानकारी करने के लिए उन्होंने इलाके के सभी सीसीटीवी फुटेजों को स्कैन किया। सैकड़ों फुटेज देखने के बाद भी पुलिस को कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। इसके बाद पुलिस अधिकारियों का माथा ठनका।

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होमवर्क पूरा नहीं हुआ था

अधिकारियों ने बच्ची को उसके माता-पिता के साथ फिर से थाने पर बुलाया। बच्ची के साथ तसल्ली से बात की गई। इसके बाद सभी पुलिस वालों ने अपना सिर पकड़ लिया। बच्ची ने बताया कि उसका होमवर्क पूरा नहीं हुआ था। इसलिए वह ट्यूशन नहीं जाना चाहती थी। उसकी मां उसे बार-बार पढ़ाई के लिए कहती हैं। इस पर उसने अपनी एक दोस्त की मदद से खुद के अपहरण की कहानी बनाई।

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