2017 की तरह इस्तीफा देंगे या भाजपा कोटे के मंत्रियों को बर्खास्त करेंगे?, जानें इस बार नीतीश कुमार का सरकार बदलने का प्लान
बिहार में एनडीए सरकार संकट में है. पल-पल बदलती परिस्थतियों और नेताओं के बयान से सरकार की सेहत का अंदाजा लगाया जा सकता है. बीजेपी को छोड़कर राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियों ने विशेष बैठक बुलाई है, जिसमें राज्य की वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी और रणनीति बनाई जाएगी. वहीं भाजपा के कई दिग्गज नेता बिहार से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं. राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार की पार्टी (जेडीयू) बीजेपी से गठबंधन तोड़कर एक बार फिर से राजद के साथ हाथ मिला सकती है. इस बीच सियासी गलियारे में यह भी चर्चा शुरू हो गयी है कि नीतीश कुमार अगर बीजेपी का साथ छोड़ने का फैसला करते हैं तो गठबंधन से निकलने का इस बार उनका तरीका क्या होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा देंगे या बीजेपी कोटे के मंत्रियों को बर्खास्त करेंगे.
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2013 का इतिहास दोहरा सकते हैं. दरअसल जब 2013 में नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़ कर आरजेडी के साथ सरकार बनाया था. तब नीतीश कुमार ने तत्कालीन डिप्टी सीएम सुशील मोदी समेत भाजपा के सारे मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था. बताया जा रहा है कि इस बार भी उसी इतिहास को दोहराया जा सकता है. नियम के मुताबिक नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की हैसियत से भाजपा के सारे मंत्रियों को बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से कर सकते हैं. राज्यपाल के पास मुख्यमंत्री की सिफारिश मानने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है.

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि 2017 की तरह नीतीश कुमार कैबिनेट भंग नहीं करेंगे. दरअसल 2017 में नीतीश कुमार ने राजद का साथ छोड़कर कैबिनेट भंग कर दिया था और राजभवन जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था. उसके बाद नीतीश कुमार ने भाजपा के समर्थन से फिर से नयी सरकार बनायी थी. लेकिन इस बार माना जा रहा है कि नीतीश कुमार इस बार ऐसा नहीं करेंगे. जानकारों की माने तो 2017 की तरह इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं उठता. जेडीयू के एक नेता के मुताबिक हमें मालूम है कि राजभवन में बैठे राज्यपाल भाजपा के हैं. अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा दे देंगे, तो नयी सरकार के बनने में अडंगा लगाने की गुंजाइश बनेगी. हम ये मौका नहीं देने जा रहे हैं.
कहा तो यह भी जा रहा है कि नई सरकार की रूपरेखा लगभग तय हो चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरजेडी के साथ जाने पर भी नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे. बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को सीएम बनाने के लिए तैयार हो गए हैं. वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी खुद डिप्टी सीएम के अलावा गृह विभाग भी अपने पास ही रखेंगे. इतना ही नहीं आरजेडी का ही सदन में स्पीकर भी होगा ये भी लगभग तय हो चुका है. मिली जानकारी के अनुसार आरजेडी में इस दफा सीधा तेजस्वी यादव इस कमान को संभाले हुए हैं और समय- समय पर लालू प्रसाद यादव से संपर्क किया जा रहा है. दरअसल गृह विभाग नीतीश कुमार हमेशा से अपने पास रखते रहे हैं, लेकिन इस बार सरकार बनने की शर्तों में ये शामिल है कि गृह विभाग आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ही संभालेंगे.
बता दें कि नीतीश कुमार ने पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों एवं विधान पार्षदों की अहम बैठक मंगलवार को बुलाई है.इसमें पार्टी के बड़े नेता भी शामिल होगें. इस बैठक पर सत्ता एवं विपक्षी दोनो गठबंधन के दलों की निगाहें बनी हुई है. वहीं आरजेडी,कांग्रेस,हम और सीपीआईएमएल ने भी विधायक दलों की बैठक बुलाई है जिसमें विधायक के साथ ही पार्टी के बड़े नेता शामिल हो रहें हैं.आरजेडी की बैठक राबड़ी आवास में बुलाई गई है जिसमे तेजस्वी यादव पार्टी के विधायकों एवं नेताओं के साथ राज्य की वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा करेंगे. वहीं कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने पार्टी के बिहार प्रभारी भक्तचरण दास भी पटना पहुंच रहें हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि आज शाम सभी विधायकों को पटना बुलाया गया है. बिहार में राजनीतिक बदलाव हो सकता है.
अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें