दिल्ली में 5000 ट्रकों की एंट्री बंद, उत्तराखंड के उद्योग और मंडियों पर गंभीर असर
दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण बीएस-6 (BS-6) से कम मानक वाले मालवाहक वाहनों (पुराने ट्रक) की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस फैसले से उत्तराखंड के ट्रांसपोर्ट सेक्टर और औद्योगिक इकाइयों पर गंभीर संकट आ गया है।
🚛 परिवहन पर बड़ा प्रभाव
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प्रभावित ट्रकों की संख्या: ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एपी उनियाल ने बताया कि उत्तराखंड से रोज़ाना दिल्ली आवाजाही करने वाले करीब 5,000 ट्रक प्रभावित हुए हैं।
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देहरादून से आवाजाही: देहरादून से अकेले 1,000 ट्रक आवाजाही करते हैं, जो इंडस्ट्रियल एरिया से सामान ले जाते हैं और दिल्ली को दवाइयों की सप्लाई करते हैं।
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वर्तमान व्यवस्था: पुराने ट्रक अब दिल्ली की सीमाओं तक ही भेजे जा रहे हैं, या उन्हें दूसरे शहरों में भेजा जा रहा है। ट्रांसपोर्टर अब दिल्ली के लिए केवल बीएस-6 और सीएनजी मालवाहक वाहन भेज रहे हैं।
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चिंता: ट्रांसपोर्टर चिंतित हैं और सरकार से पुराने ट्रकों की एंट्री को छूट देने की मांग कर रहे हैं।
🏭 औद्योगिक इकाइयों को भारी नुकसान
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सेलाकुई (देहरादून): इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील उनियाल के अनुसार, सेलाकुई से हर दिन करीब 800 मालवाहक वाहनों की आवाजाही होती है, जिनमें से लगभग 400 वाहन दिल्ली नहीं जा रहे हैं।
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सामान डंप: दो दिन में करीब 25% उत्पादित सामान डंप पड़ा है और 30-35 प्रतिशत कच्चा माल औद्योगिक इकाइयों तक नहीं पहुंचा है।
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वित्तीय हानि: इस कारण औद्योगिक इकाइयों को दो दिन में करीब 30% का नुकसान हुआ है।
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वैकल्पिक मार्ग: वैकल्पिक मार्ग तलाशे जा रहे हैं, लेकिन इससे परिवहन लागत 20 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
🍎 कृषि और माल आपूर्ति पर असर
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पछुवादून: दिल्ली में एंट्री बंद होने के कारण गुरुवार को पछुवादून से करीब 100 ट्रक रवाना नहीं हो पाए, जिससे कृषि उत्पादन मंडी परिषद से नकदी फसलें दिल्ली नहीं जा सकीं।
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बुकिंग रद्द: पछुवादून ट्रक ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष गुलफाम अली ने बताया कि 40 ट्रकों की बुकिंग रद्द करनी पड़ी, वहीं 25 ट्रक दिल्ली से सामान लेकर नहीं पहुंच पाए।
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जौनसार बावर/जौनपुर: इन क्षेत्रों से भी बुधवार और गुरुवार को 15 ट्रकों की बुकिंग रद्द करनी पड़ी।
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हरिद्वार: हरिद्वार के भी करीब 1,000 ट्रकों की दिल्ली में एंट्री बंद हो गई है। इससे हरिद्वार और दिल्ली के बीच 30 प्रतिशत माल की आपूर्ति प्रभावित हो रही है (खासकर ऑटोमोबाइल और दवाइयों)। ट्रांसपोर्टर फिलहाल गाजियाबाद तक माल पहुंचाकर वैकल्पिक व्यवस्था कर रहे हैं।
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