राजू अनेजा,काशीपुर। लगभग एक दशक पुराने हत्या के मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश रितेश श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही मृतक का मोबाइल गायब करने के आरोप में दोषी को अतिरिक्त दो साल का कठोर कारावास और जुर्माना भी भुगतना होगा।
जसपुर खुर्द स्थित पाकीजा कॉलोनी निवासी पप्पू पुत्र बुद्धसेन, जो अधिवक्ताओं के चैंबर की सफाई का कार्य करता था, 29 जून 2015 की रात कोर्ट परिसर के पास पीपल के पेड़ के नीचे बैठा था। इसी दौरान मामूली कहासुनी के बाद आरोपी नासिर पुत्र अमीर हुसैन ने उस पर गोली चला दी। गोली लगने से पप्पू की मौके पर ही मौत हो गई और उसका मोबाइल भी गायब कर दिया गया।
घटना के बाद मृतक की बहन मंजू की तहरीर पर आईटीआई थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की। पहले विवेचना की जिम्मेदारी तत्कालीन थानाध्यक्ष हरेंद्र चौधरी के पास थी, बाद में यह मामला मानव वध सेल को सौंपा गया। विवेचना अधिकारी केएस अधिकारी ने आरोपी नासिर के खिलाफ धारा 302 और 404 में चार्जशीट दाखिल की।
अभियोजन की ओर से दर्जनभर गवाह अदालत में पेश किए गए। गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी नासिर को हत्या का दोषी करार देते हुए धारा 302 में आजीवन कारावास, जबकि धारा 404 में दो साल की कैद व जुर्माने की सजा सुनाई।
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी एडीजीसी रतन सिंह कांबोज ने की।



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