मात्र 2% के खेल से तिनका तिनका हुई केजरीवाल की झाड़ू , 70 में से सिर्फ 22 सीट बचाने में मिली कामयाबी

Due to the game of only 2%, the broom turned into straw, Kejriwal was successful in saving only 22 seats out of 70

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राजू अनेजा ,दिल्ली ।दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे या गए हैं. 2025 में भाजपा को भले ही आम आदमी पार्टी (AAP) की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा सीटें मिली हों, लेकिन दोनों के बीच वोट शेयर में मात्र दो प्रतिशत का अंतर है. यह दिखाता है कि माइक्रो मैनेजमेंट में भाजपा अपने प्रतिद्वंद्वी से कोसों आगे निकल गई. वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर भी पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में दो प्रतिशत बढ़ा, लेकिन वह इसका फायदा नहीं ले पाई.

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चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 5 फरवरी को हुए मतदान में भाजपा को 45.56 प्रतिशत और आप को 43.57 प्रतिशत वोट मिले. हालांकि, सीटों के मामले में 48 का आंकड़ा हासिल कर भाजपा काफी आगे निकल गई. वहीं, विधानसभा की 70 सीटों में से ‘आप’ के खाते में 22 सीटें आईं. बीजेपी के इस प्रदर्शन से पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी जोश भी नजर आ रहा है.

AAP को 10 फीसदी का हुआ नुकसान

साल 2020 में हुए चुनाव की बात करें तो ‘AAP’ ने 53.57 फीसदी वोट हासिल कर 62 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को 38.51 फीसदी वोट के साथ आठ सीटें मिली थीं. इस प्रकार भाजपा का वोट शेयर इस बार सात प्रतिशत के करीब बढ़ा है, जबकि ‘आप’ को 10 फीसदी का नुकसान हुआ है. कांग्रेस पार्टी को इस बार भी बड़ा नुकसान हुआ है. कांग्रेस को इस चुनाव में 6.34% वोट मिला है.

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पूर्वांचलियों, सिखों, जाटों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों सहित विभिन्न क्षेत्रीय एवं सामाजिक-आर्थिक वर्गों के वोटरों के वर्चस्व वाले चुनावी क्षेत्रों में पैठ बनाने में बीजेपी सफल रही. दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में बीजेपी ने 48 सीट पर जीत दर्ज की. वहीं आम आदमी पार्टी (आप) को 22 सीट मिली, जबकि कांग्रेस 2015 और 2020 के बाद एक बार फिर अपना खाता नहीं खोल पाई.