उत्तराखंड विधायक और पत्नी के खाते में मनरेगा की धनराशि: विधायक पर लगे गंभीर आरोप

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सीमांत जिले उत्तरकाशी की पुरोला विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक दुर्गेश्वर लाल और उनकी पत्नी निशा के बैंक खातों में मनरेगा (MNREGA) योजना की मजदूरी (दिहाड़ी) की धनराशि जमा होने का मामला सामने आया है। विधायक रहते हुए उनके जॉब कार्ड पर भुगतान का मामला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है।

📜 भुगतान का विवरण (मनरेगा पोर्टल के अनुसार)

मनरेगा के ऑनलाइन पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, विधायक और उनकी पत्नी के खातों में किया गया भुगतान निम्नलिखित है:

विवरण अवधि कार्य का प्रकार भुगतान राशि (रुपए)
विधायक रहते हुए (3 कार्य) 2024-2025 भूमि विकास कार्य (पिनेक्ची तोक) आदि ₹5,214
कुल भुगतान (विधायक और पत्नी) 2021 से 2025 तक (11 कार्य) विभिन्न कार्य ₹22,962
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विधायक की पत्नी निशा को दर्शाए गए कार्य:

  • जून 2022: रेक्चा के आम रास्ते की पीसीसी खड़ंजा निर्माण।

  • अगस्त-सितंबर 2024: बाजुडी तोक में पीसीसी कार्य।

  • नवंबर 2024: समलाडी तोक में वृक्षारोपण कार्य।

🗣️ विधायक और अधिकारियों का पक्ष

  • विधायक दुर्गेश्वर लाल का बयान:

    • उन्होंने इसे अपनी छवि खराब करने की साजिश बताया है।

    • उनका कहना है कि “बिचौलियों की दुकानें बंद हो गई हैं, इसलिए वे मुझे ट्रोल कर रहे हैं।”

    • उन्होंने जोर दिया कि मनरेगा का मस्टरोल तब तक नहीं निकलता जब तक काम करने वाले के हस्ताक्षर नहीं होते।

    • उन्होंने स्वीकार किया कि विधायक बनने से पूर्व उनका जॉब कार्ड जरूर था।

  • खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) शशि भूषण बिंजोला का बयान:

    • उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है।

    • उन्होंने बताया कि शनिवार को संबंधित सभी कार्मिकों को तलब कर जानकारी ली जाएगी।

    • मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति से मनरेगा के तहत जारी की गई धनराशि की पूरी रिकवरी की जाएगी

  • मनरेगा सहायक का बयान:

    • मनरेगा सहायक यशवंत ने कहा कि उनके किसी भी मस्टरोल पर हस्ताक्षर नहीं हैं और न ही ब्लॉक कार्यालय में इसकी फाइल या मस्टरोल मिल रहा है।

  • विकासखंड कार्यालय के अधिकारी:

    • उनका कहना है कि यह धनराशि पूर्व में उनके जॉब कार्ड के आधार पर डाली गई थी।

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यह मामला तब सामने आया है जब देश में मनरेगा योजना के नाम बदलने को लेकर पहले ही सियासी उबाल है।