नैनीताल हाईकोर्ट ने सितारगंज पंचायत चुनाव मामले में याचिका का निस्तारण किया, चुनाव आयोग को निर्देश..विधायक पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप

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नैनीताल: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान सितारगंज में विधायक द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन करने और चुनाव अधिकारी को हटाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने मामले को निस्तारित करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन को 7 दिन के भीतर निस्तारित करें।


याचिकाकर्ता के आरोप

उधम सिंह नगर निवासी एक महिला ने नैनीताल हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सितारगंज के स्थानीय विधायक द्वारा सरकारी वाहन और मशीनरी का दुरुपयोग कर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है। याचिका में हाईकोर्ट से प्रार्थना की गई थी कि आचार संहिता का कड़ाई से पालन कराया जाए ताकि निष्पक्ष तरीके से चुनाव संपन्न हो सकें।

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चुनाव अधिकारी को हटाने की मांग

याचिका में यह भी कहा गया था कि सितारगंज ब्लॉक में संजय कुमार को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है। याचिकाकर्ता का तर्क था कि संजय कुमार पूर्व में यहाँ के सहायक डायरेक्टर रह चुके हैं और उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है, जो आचार संहिता नियमावली के खिलाफ है। इसलिए उन्हें चुनाव अधिकारी के पद से हटाया जाना चाहिए।

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उत्तराखंड पंचायत चुनाव की स्थिति

गौरतलब है कि उत्तराखंड में हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी सभी 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं, जिसके लिए आदर्श आचार संहिता लागू है।1 चुनाव की तिथियों की बात करें तो पहले चरण का मतदान 24 जुलाई को और दूसरे चरण का मतदान 28 जुलाई को होगा। जबकि, 31 जुलाई को वोटों की गिनती की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में “गाँव की सरकार” बनाने को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।

 

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हाईकोर्ट के इस आदेश से अब चुनाव आयोग पर इन आरोपों की जाँच करने और उचित कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है, जिससे चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके।