उत्तराखंड में गवाहों की सुरक्षा के लिए नया अधिनियम, पुराना निरस्त होगा

खबर शेयर करें -

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने आपराधिक मुकदमों में गवाहों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। रविवार को कैबिनेट ने मौजूदा उत्तराखंड साक्षी संरक्षण अधिनियम, 2020 को रद्द करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब सरकार विधानसभा के मानसून सत्र में उत्तराखंड साक्षी संरक्षण अधिनियम (निरसन) विधेयक पेश करेगी।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी: बच्चे को बचाने के चक्कर में स्कूटी से गिरे बीडीसी सदस्य के पति की मौत

 

नए कानून के तहत मिलेगी सुरक्षा

 

यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि पिछले साल 1 जुलाई से पूरे देश में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 (बीएनएसएस) लागू हो चुकी है, जिसने पुराने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह ले ली है। बीएनएसएस की धारा 398 में गवाहों की सुरक्षा के लिए ‘साक्षी संरक्षण योजना’ का प्रावधान है।

यह भी पढ़ें 👉  NDA ने सीपी राधाकृष्णन को बनाया उपराष्ट्रपति उम्मीदवार, 9 सितंबर को होगा चुनाव

विधानसभा में नया विधेयक पारित होने के बाद, प्रदेश में नए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों के अनुसार ही गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 को दी मंजूरी
Ad Ad Ad