वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव कुमार आकाश को पितृ शोक, पिता की मृत्यु के बाद उनकी आंखों को दान कर संजीव आकाश ने अपने पिता को दी सच्ची श्रद्धांजलि
Senior advocate Sanjeev Kumar Akash mourns the death of his father. Sanjeev Akash paid true tribute to his father by donating his eyes after his father's death.
राजू अनेजा,काशीपुर। काशीपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव कुमार आकाश के पिताजी पोशाक लाल जी का लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया उनके निधन की खबर सुनते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी।आज सायं 5 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया। क्षेत्र के तमाम गणमान्य लोगों एवं जनप्रतिनिधियों सहित भारी संख्या में अधिवक्ताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। पोशाकी लाल के देहावसान के पश्चात उनके पुत्र एडवोकेट संजीव कुमार आकाश व पौत्र आर्यन ने नेत्रदान की सहमति प्रदान कर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। पोशाकी लाल जी की मृत्यु के बाद भी अब उनकी आंखें दुनिया देखती रहेगीं। उनके नेत्रदान से दो नेत्रहीनों के नेत्र प्रकाशित होंगे और उनके प्रिय जन उनकी स्मृति को अमरत्व प्रदान करेंगे।
वसुधैव कुटुम्बकम के दायित्वधारियों की देखरेख में मुरादाबाद आई/नेत्र विभाग की टीम ने कागजी औपचारिकता पूरी कर ब्रह्मलीन पोशाकी लाल जी के शरीर से दान की गई आंखें (कॉर्निया) प्राप्त कीं। वसुधैव कुटुम्बकम् के नेत्रदान प्रकल्प संयोजक सीए सचिन कुमार अग्रवाल ने बताया कि वसुधैव कुटुम्बकम् क्षेत्र के लोगों में नेत्रदान हेतु जागृति लाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि बहुत से लोग मानते हैं कि नेत्रदान के दौरान उनकी पूरी आंख निकाल दी जाती है, जिससे आंख का सॉकेट खाली रहता है, जो सच नहीं है। आमतौर पर केवल कॉर्निया जो आंख की सबसे बाहरी पर्त होती है, बहुत धीरे से निकाली जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि नेत्रदान के लिए जीवित रहते हुए नेत्रदान की कोई घोषणा न करने पर भी किसी के गोलोक गमन के उपरांत भी परिवार जनों की सहमति होने पर भी नेत्रदान हो सकता है। संस्था के संस्थापक सदस्य अनुज सिंघल ने बताया कि नेत्रदान करने से किसी प्रकार का देह भंग नही होता है। भारत में कॉर्नियल अंधेपन से पीड़ित लोगों की संख्या करीब 1.2 मिलियन है। यह अंधेपन का दूसरा सबसे आम कारण है। हर साल करीब 20,000 से 25,000 नए मामले सामने आते हैं। नेत्रदान करने से ऐसे लोगो को रोशनी मिल सकती है। उन्होंने ये भी बताया कि नेत्रदान करवाने के लिए वसुधैव कुटुम्बकम् के नेत्रदान सहायता हेतु (24×7) 98370 80678 या 9548799947 पर किसी भी समय संपर्क किया जा सकता है।
संस्था के संरक्षक योगेश जिंदल, अध्यक्ष विकास जैन व संस्थापक सदस्य अजय अग्रवाल, आशीष गुप्ता, दीपक मित्तल, अनुज सिंघल, अंकुर मित्तल, प्रियांशु बंसल, सीए सचिन अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल, संदीप पैगिया ने वसुधैव कुटुंबकम् काशीपुर के अनुरोध पर सम्पन्न कराये इस महान कार्य के प्रति नेत्रदानी परिवार का आभार व्यक्त किया और परम पिता परमेश्वर से दिवंगत आत्मा की चिर शांति की प्रार्थना की । साथ ही क्षेत्र वासियों से मरणोपरांत नेत्रदान कराने में सहयोग का आवाहन किया। ब्रह्मलीन पोशाकी लाल जी के नेत्रदान में एडवोकेट शुभम सिंघल और रेडक्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष एडवोकेट अरविन्द सक्सेना का विशेष सहयोग रहा।











