देहरादून: उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य स्तरीय टास्क फोर्स ने सर्वसम्मति से नई राज्य पाठ्यचर्या को पारित कर दिया है। इसके तहत अब प्रदेश के सभी विद्यालयों में साल में 240 दिन अनिवार्य रूप से कक्षाएं चलेंगी और प्रत्येक सप्ताह 32 घंटे का शैक्षणिक दिवस सुनिश्चित किया गया है।
एनईपी-2020 के तहत बड़े बदलाव
यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) के प्रावधानों के तहत किया गया है। स्कूली शिक्षा मंत्री और टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस नई रूपरेखा को मंजूरी दी गई। नए नियमों के अनुसार:
- कक्षा संचालन: 240 दिन
- परीक्षा और मूल्यांकन: 20 दिन
- सह शैक्षणिक गतिविधियाँ: 10 दिन
- बस्ता रहित दिवस: 10 दिन
विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर जोर
शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह नई पाठ्यचर्या विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नई पाठ्यचर्या को पाँच प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है, जिसमें शिक्षा के व्यापक उद्देश्यों, मूल्य आधारित शिक्षा, शैक्षणिक मानकों, विद्यालयी संस्कृति और परिवार-समुदाय की भूमिका को शामिल किया गया है। डॉ. रावत ने बताया कि एनईपी-2020 के तहत निर्धारित 202 कार्यों को राज्य में लागू किया जा रहा है, जिसमें यह पाठ्यचर्या एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।



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