देहरादून: केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन का पालन न करने के कारण उत्तराखंड में कई छात्रों की छात्रवृत्ति प्रभावित हुई है। इस मामले में केंद्र ने राज्य का बजट भी रोक दिया है। यह स्थिति तब सामने आई है जब शिक्षा से जुड़ी केंद्रीय योजनाओं के लिए छात्रों के आवेदन फॉर्म में माँ का नाम लिखना अनिवार्य कर दिया गया है।
केंद्र की नई गाइडलाइन का पालन न करने पर प्रभावित हुई छात्रवृत्ति
केंद्र सरकार ने राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि छात्रों ने अपने आवेदन फॉर्म में अपनी माँ का नाम नहीं लिखा है, तो उनकी छात्रवृत्ति रोक दी जाएगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों के पूर्ण ब्योरे के लिए यह गाइडलाइन जारी की है। उत्तराखंड को भी इस संबंध में पत्र मिला है, जिसमें ऑनलाइन पोर्टल पर सभी छात्रों की माताओं का नाम दर्ज करने के लिए कहा गया है।
क्या है नई गाइडलाइन और क्यों है जरूरी?
इस नई व्यवस्था के पीछे केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य भुगतान में पारदर्शिता लाना और बजट का दुरुपयोग रोकना है। केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के लिए स्पर्श (SPARSH) नामक एक अलग ऑनलाइन वित्तीय प्रणाली का उपयोग किया जाता है, जो सीधे आरबीआई के ई-कुबेर प्रणाली और राज्यों की वित्तीय प्रणालियों के साथ एकीकृत होकर काम करती है। ऐसे में, यदि आवेदन में माँ का नाम दर्ज नहीं होता है, तो बजट को वहीं पर रोक दिया जाता है। इस कारण उत्तराखंड में उन छात्रों की छात्रवृत्ति प्रभावित हो रही है, जिनके आवेदन में माँ का नाम नहीं दिया गया है।



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