अंधविश्वास ने ले ली आदिवासी व्यक्ति की जान, रिश्तेदारों ने ही की हत्या

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पूर्वी गोदावरी : अंध विश्वास के कारण रिश्तेदारों ने ही एक आदिवासी व्यक्ति की हत्या कर दी। यह मामलाजिले के एटापाका मंडल के अय्यावारीपेट गांव में देर से प्रकाश में आया है।

सीआई गीता रामकृष्णा के मुताबिक गांव निवासी वेल्पुला सत्यनारायण की शादी सात साल पहले हुई थी और उसे तीन बच्चे पैदा हुए थे, लेकिन जन्म के कुछ ही दिनों में उनकी मौत हो गई।  सत्यनारायण को उसके बच्चों की मौत के पीछे उसके चाचा वेल्पुला रत्तय्या (55) का हाथ होने का शक हुआ। उसका कहना था कि उसने एक अमावस्या पर गांव के निकट एक पेड़ के नीचे रत्तय्या को बिना कपड़ों के पूजा करते देखा था और जब वह उसके पास पहुंचा तो रत्तय्या कपड़े हाथ में लेकर वहां से भाग गया।

रत्तय्या के झाड़-फूंक करने के कारण ही अपने बच्चों की मौत होने के संदेह में सत्यनारायण ने किसी तरह रत्तया की हत्या करके बच्चों की मौत का बदला लेने का फैसला किया। इसके लिए उसने अपने भाई प्रसाद की मदद ली।

गत 5 मार्च के दोपहर रत्तय्या स्थानीय एक बगीचे को बाढ़ लगाने के लिये गया और उसी दिन सत्यनारायण व उसके भाई प्रसाद मिर्च की बोरियां भरने पास के गांव चले गए। काम खत्म होने के बाद सत्यनारायण और प्रसाद को पता चला कि खेत में रत्तय्या अकेला है। इसके तुरंत बाद दोनों रत्तय्या के पास पहुंचे और चाकू से हमला करके उसकी हत्या कर दी। बाद में लाश को घटनास्थल से दूर झाड़ियों में फेंककर घर लौट गए।

देर रात तक पिता के घर नहीं लौटने से परेशान रत्तय्या के बेटे वेंकटेश और सुधाकर काफी देर तक उसकी तलाश करते रहे, लेकिन कहीं पर पता नहीं चला तो उन्होंने गत सोमवार को पुलिस में शिकायत कर दी।  रत्तय्या ने जिस खेत में काम कर रहा था वहां उसकी लाश को घसीटकर ले जाने से जुड़े निशान, थोड़ी दूर पर झाड़ियों के बीच खून के धब्बे दिखाई देने पर स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को इसकी खबर दी। इसके अलावा रास्ते का निर्माण और खेत में बोर डालने को लेकर पिछले दिनों रत्तय्या और सत्यनारायण-प्रसाद परिवारों के बीच झगड़ा हुआ था।

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पुलिस ने मामला दर्ज करने के साथ ही जांच शुरू कर दी। रत्तय्या की हत्या के पीछे करीबी रिश्तेदारों का हाथ होने की आशंका से पुलिस ने सबसे पहले सत्यनारायण और प्रसाद को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की। दोनों ने रत्तय्या की हत्या करने की बात स्वीकार की।

 

उन्होंने बताया कि हत्या के तुरंत बाद लाश को तीन अन्य लोगों की मदद से दुपहिया वाहन पर करीब 5 किलो मीटर दूर गोम्मुकोत्तागुड़ेम के पास गोदावरी नदी में रेत रैंप के पास गाढ़ दिया गया है। पुलिस ने बुधवार को घटनास्थल का जायजा लिया और गुरुवार को रत्तय्या की लाश को बाहर निकालने के साथ ही उसका पंचनामा किया। इस बीच, रत्तय्या के बेटों का कहना है कि उनके पिता को झाड़-फूंक नहीं आता था और आरोपियों ने उद्देश्यपूर्वक उसके पिता की हत्या की है।