दिल्ली दंगों के अपराधी रहे ताहिर हुसैन को मिले मात्र 4880 वोट, 49751 वोटो से आगे चल रहे भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट की जीत तय
jeet tay Tahir Hussain, the culprit of Delhi riots, got only 4880 votes, victory of BJP candidate Mohan Singh Bisht, who was leading with 49751 votes, is certain.
राजू अनेजा, दिल्ली। दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में वोटों की गिनती जारी है, और अब तक के परिणामों में मुस्तफाबाद सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दबदबा साफ दिख रहा है। इस सीट पर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस दोनों की स्थिति कमजोर बनी हुई है। खास बात यह है कि यहां AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के उम्मीदवार ताहिर हुसैन, जो 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी हैं, को सिर्फ 4880 वोट मिले हैं।
मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र दिल्ली के उन इलाकों में शामिल है, जहां 2020 में साम्प्रदायिक दंगे हुए थे। AIMIM ने ताहिर हुसैन को अपना उम्मीदवार बनाया था, जबकि बीजेपी ने मोहन सिंह बिष्ट को मैदान में उतारा। इस बार AAP ने अदील अहमद खान को टिकट दिया है। कांग्रेस ने अली मेहदी को चुनावी मैदान में उतारा है। वर्तमान में, मुस्तफाबाद सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट ने अपने प्रतिद्वंद्वी AAP के अदील अहमद खान से 49751 वोटों की बढ़त बना रखी है। इन शुरुआती रुझानों के मुताबिक, बीजेपी उम्मीदवार की स्थिति बहुत मजबूत नजर आ रही है। वहीं, AIMIM के ताहिर हुसैन, जो पिछले चुनावों के बाद विवादों में रहे, को बेहद कम वोट मिले हैं।
जानिए कैसे है मुस्तफाबाद में वोटिंग का पैटर्न
मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र में 41% मुस्लिम और 56% हिंदू आबादी है। इस सीट पर दिल्ली में सबसे ज्यादा 67% मतदान हुआ। इस मतदान में मुस्लिम समुदाय का खासा असर देखा गया, क्योंकि जहां मुस्लिम वोटर्स की संख्या अधिक थी, वहां मतदान भी ज्यादा हुआ। इसके अलावा, सीलमपुर जैसे क्षेत्रों में भी मुस्लिम आबादी के अनुपात में उच्च मतदान दर रही। इसके विपरीत, जहां हिंदू समुदाय की संख्या अधिक थी, जैसे करोल बाग, वहां मतदान प्रतिशत कम था। दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में भी सबसे ज्यादा 64% मतदान हुआ, और यह वही इलाका है, जहां 2020 के दिल्ली दंगे हुए थे। यहां हिंदू वोटर्स की संख्या 68% है और मुस्लिम वोटर्स की संख्या 30% है। इस जिले में भी मुस्लिम वोटर्स का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा गया है।
बीजेपी के उम्मीदवार को हराकर हासिल की जीत
अगर पिछले चुनावों की बात करें, तो 2020 में मुस्तफाबाद से AAP के हाजी यूनुस ने बीजेपी के उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की थी। उन्हें 98,850 वोट मिले थे, जो 53.20% वोट शेयर के साथ थी। वहीं, बीजेपी के उम्मीदवार को 78,146 वोट मिले थे, जो 42.06% थे। इससे यह साफ होता है कि पिछले चुनाव में AAP ने जोरदार जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार बीजेपी के प्रदर्शन में बड़ा बदलाव देखा गया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत पिछले चुनावों के मुकाबले कम
इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत पिछले चुनावों के मुकाबले कम रहा है। 2020 में 62% मतदान हुआ था, जबकि इस बार यह आंकड़ा 60% से भी नीचे रह गया। इसके बावजूद, दिल्ली की वोटर आबादी में काफी जागरूकता है और यहां हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन है। लेकिन फिर भी 65 लाख लोगों ने वोट नहीं डाला, जो न्यूजीलैंड जैसी छोटे देश की कुल आबादी से भी ज्यादा है। यह दिल्ली के नागरिकों की चुनावी जागरूकता में एक कमी को दर्शाता है।
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