देहरादून: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने चार साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है।1 इस अवधि में धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकेतों को समझा और उसे अपने कार्यप्रणाली का हिस्सा बनाया, जिसका परिणाम उन्हें प्रधानमंत्री की ओर से सराहना और केंद्र से हर संभव सहायता के रूप में मिला। इससे प्रदेश के विकास की राह तैयार हुई।
विधानसभा चुनाव में मिथक तोड़ा और दोबारा बने मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने पद संभालने के बाद सबसे बड़ी चुनौती विधानसभा चुनाव जीतना थी। राज्य गठन के बाद से कोई भी सत्तारूढ़ दल लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाया था। मुख्यमंत्री धामी ने इस मिथक को तोड़ा और भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। भाजपा हाईकमान ने भी इसका श्रेय धामी को देते हुए उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री पद का दायित्व सौंपा, जिसके बाद उन्होंने कई अहम निर्णय लिए।
सक्रियता और प्रमुख निर्णय
मुख्यमंत्री धामी प्रदेशभर में सक्रिय रहे और हर क्षेत्र में पहुंचने का प्रयास किया। सिलक्यारा टनल प्रकरण में उनकी सक्रियता और केंद्र के सहयोग का ही नतीजा रहा कि यह ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इसके अलावा, 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन से भी प्रदेश की एक अलग पहचान बनी।
अब अपने चार साल का कार्यकाल पूरा कर वह भाजपा की सरकारों में सबसे लंबा कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्यमंत्री बन गए हैं।2 यह उनके नेतृत्व की स्थिरता और प्रभाव को दर्शाता है।
क्या आप मुख्यमंत्री धामी द्वारा लिए गए किसी विशिष्ट निर्णय या उनके कार्यकाल की अन्य उपलब्धियों के बारे में जानना चाहेंगे?
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